शौचालय से भूजल प्रदूषित होने की जांच को पहुंची टीम

संवादसूत्र, बल्दीराय (सुलतानपुर) : देश भर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए जा रहे शौचालयों से भूगर्भ जल प्रदूषित होने के खतरे से आगाह करने वाली जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के कड़े रुख का असर दिखने लगा है। बुधवार को केंद्रीय भूजल बोर्ड लखनऊ व रायबरेली की टीम जांच करने नरसड़ा गांव पहुंची। दल ने 14 से ज्यादा हैंडपंपों व कई कुओं से पानी निकाल कर नमूने एकत्र किए।


स्थानीय निवासी अंजनी कुमार दुबे ने एक जनहित याचिका दायर कर स्वच्छता मिशन के तहत बन रहे शौचालयों से भूगर्भ जल के दूषित होने का खतरा जताया था। 17 जून को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर मौके पर जांच कराने व आठ हफ्ते में हलफनामा दायर करने को कहा था।


क्या कहा गया है याचिका में : अंजनी कुमार के अनुसार स्वच्छ भारत मिशन के तहत बन रहे शौचालयों के गड्ढे मानक पर खरे नहीं हैं। मानव अपशिष्टों के साथ गड्ढों के जरिये भूमि के अंदर जाने वाले जल को शोधित करने का प्रबंध नहीं है। यह भूगर्भ जल को भी दूषित कर देगा।


कोर्ट में रखना है पक्ष : जांच दल में केंद्रीय भूजल बोर्ड के एस. राना, प्रयोगशाला सहायक आरएस गौतम व एमए सिद्दीकी शामिल रहे। सख्ती के बाद विभाग हरकत में आया। याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए ¨बदुओं की जांच में पुष्टि होती है तो देश भर में बने शौचालयों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सकती है। टीम को जांच रिपोर्ट के साथ हाईकोर्ट में हलफनामा देना है। उसके बाद जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाएगा।



 


बल्दीराय के नरसड़ा गांव में जांच करती भूगर्भ जल विभाग की टीम ' जागरण


'>>हाईकोर्ट ने भूजल दूषित होने वाली याचिका पर लिया संज्ञान


 


'>>आशंका सही होने पर शौचालयों के इस्तेमाल पर लग सकती है रोक