वादसूत्र, विशुनपुर (बाराबंकी) : फतेहपुर के भदनेवा में आयोजित सत्संग में गुरुवार को संत पंकज जी महाराज ने कहा कि दूषित आत्मा में भगवान का वास नहीं होता है। परमात्मा के निवास के लिए हृदय स्थल और अंत: करण को पवित्र करना होगा। इसके लिए मांसाहार, मद्यपान जैसी बुराइयों को त्यागकर शाकाहारी और सदाचारी बनना होगा।
जय गुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के शाकाहार, सदाचार मद्यनिषेध जन-जागरण अभियान में उन्होंने कहा कि नशा अपने साथ दुखों को लेकर आता है। अभक्ष्य भोजन हमारे अंत:करण के साथ ही हमारे विचारों को भी दूषित करता है। उन्होंने लोगों से पाशविक वृत्तियों का त्याग कर अध्यात्म के मार्ग पर चलने का आह्वान किया। जयगुरुदेव नाम के महत्व का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि जयगुरुदेव नाम समय का जाग्रत एवं सिद्ध नाम है। संकट की घड़ी में यह नाम मददगार साबित होगा। इस नाम रूपी जहाज पर जो भी जीव आत्माएं चढ़ जाएंगी वह भव रूपी बाधाओं से पार उतर कर परमात्मा को प्राप्त करेंगीं।
उन्होंने श्रद्धालुओं को कलयुग में सुगम नाम योग साधना के रहस्य पर चर्चा के साथ शाकाहार, सदाचार का प्रचार-प्रसार करके अच्छे समाज के निर्माण में भागीदार बनने की अपील की। रामचंदर यादव, चेयरमैन प्रतिनिधि बेलहरा अयाज खां, अम्बिका प्रसाद वर्मा, अशोक वर्मा, रमेश कुमार, आशीष कुमार वर्मा, सुशील वर्मा, उमापति शरण तिवारी आदि मौजूद रहे।
बंकी ब्लाक के गणोशपुर में हुए सत्संग में संत पंकज जी महाराज ने लोगों से सत्य के मार्ग पर चलने की सीख दी।
फतेहपुर के भदनेवा में आयोजित सत्संग में उपस्थित श्रद्धालु ' जागरण