विधानसभा का 36 घंटे का विशेष सत्र शुरू, गैरहाजिर रहा विपक्ष
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर सतत विकास का लक्ष्य पाने के लिए आहूत विशेष सत्र में शामिल न होकर विपक्ष ने बापू का अपमान किया। विपक्ष का रवैया महाभारत के दुर्योधन की तरह है जिसकी धर्म के बजाय अधर्म की ओर जाने की प्रवृत्ति दिखती है। यह बात बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के 36 घंटे लगातार चलने वाले विशेष सत्र में चर्चा की शुरुआत करते हुए कही।
लगभग दो घंटे के संबोधन में मुख्यमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित सतत विकास के 16 लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए केंद्र व प्रदेश सरकारों द्वारा इस दिशा में किए गए कार्य गिनाए। सत्र से गैरहाजिर सपा, बसपा और कांग्रेससदस्यों की निंदा करते हुए उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों को विकास विरोधी करार दिया।
महात्मा गांधी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लालबहादुर शास्त्री का भी स्मरण करते हुए उन्होंने सतत विकास के 16 लक्ष्यों के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि यूएनओ ने 2015 में लक्ष्य निर्धारित किए थे परंतु केंद्र में मोदी सरकार वर्ष 2014 से ही ज्यादातर पर गंभीरता से कार्य कर रही है। प्रदेश में भी 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद से लक्ष्य पूरे किए जा रहे हैं।
विशेष सत्र आहूत करने में सहमति जताने के बाद भी अनुपस्थित रहे विपक्ष से मुख्यमंत्री आहत दिखे। उन्होंने कहा कि चर्चा के लिए विपक्ष का नहीं आना गरीबों व किसानों का अपमान और सदन की अवमानना है। विकास पर मंथन विपक्ष को अच्छा नहीं लगा। वंशवाद और जातिवाद की राजनीति करने वालों को वोट बैंक समाप्त होने का डर सताता है। जबकि इसी वर्ष लोकसभा के चुनाव में जनता ने बता दिया है कि अब जातियां सिर्फ वोट के लिए नहीं हैं। सभी विकास के साथ हैं, इस वजह से विपक्ष तिलमिलाया हुआ है। सच से मुंह मोड़ने वालों को जनता उचित समय पर सबक सिखा देगी। विशेष आयोजन 11
कांग्रेस का विसर्जन जनता ने कर दिया
योगी ने महात्मा गांधी की 1916 में काशी यात्र का जिक्र करते हुए बताया कि विश्वनाथ मंदिर का दर्शन करने के बाद उन्होंने वहां फैली अव्यवस्था पर टिप्पणी की थी। मंदिर के पास अब पांच नहीं 50 फीट का रास्ता है। गांधी के सपने को हमने साकार किया है। जनभावनाओं की अनदेखी करने वाली कांग्रेस का विसर्जन जनता ने कर दिया है। इस पर सदन में हर हर महादेव के नारे गूंजने लगे।