बाराबंकी। वन विभाग द्वारा जिले में राज्य पक्षी सारस की दो दिन सुबह व शाम गणना कराई गई। करीब दो दर्जन टीमों ने शुक्रवार की शाम गणना पूरी की तो जिले में 257 सारस पाए गए। पिछले साल 298 सारस मिले थे। सारस की संख्या कम होने के पीछे गर्मी व सरोवर का सूखा होना माना जा रहा है। डीएफओ आकाश बाधवान ने सारस के संरक्षण को लेकर निर्देश भी जारी किए हैं।
वन विभाग हर साल सारस की गणना करवाता है। इस बार इसके लिए 20 व 21 जून की तारीख तय हुई थी। इसके लिए जिले में करीब 400 आर्द्रभूमि वाले क्षेत्र (वेटलैंड) चयनित किए गए। बृहस्पतिवार को सुबह छह से आठ बजे तक दूरबीन व अन्य उपकरणों के सहारे गणना हुई तो शुक्रवार की शाम चार से छह बजे तक गणना हुई।
49 स्थलों पर सुबह 210 व शाम को 257 सारस पाए गए। वहीं देवा रेंज क्षेत्रीय वनाधिकारी मयंक सिंह वन रेंज द्वारा सलारपुर (झील) व बैनाटीकाहा(झील) और कोनागांव (खेत) रसूलपुर (खेत), सूरतगंज की भगहर , हरख के नेवली आदि झीलों में सारस पाए गए। डीएफओ आकाश बाधवान ने बताया कि 257 सारस पाए गए। इनके संरक्षण का प्लान तैयार किया जा रहा है।
रिपोर्टर आशीष कुमार