(बाराबंकी) आज दिनांक 27.11.2024 को बाराबंकी में सामाजिक संस्था संवाद के माध्यम से बाल विवाह मुक्त भारत का शुभारम्भ किया गया। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बाराबंकी में लगभग 1800 छात्राओं एवं शिक्षिकाओं ने जिला प्रशासन बाराबंकी एवं समाजिक संस्था संवाद के सहयोग से जनपद बाराबंकी सहित संपूर्ण देश को बाल विवाह मुक्त करने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्री श्याम त्रिपाठी, बाल कल्याण समिति के सदस्य श्री राजेश शुक्ला, जिला प्रोबेशन अधिकारी सुश्री पल्लवी सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री संतोष देव पांडेय, सहायक श्रमायुक्त श्री मयंक सिंह, ए०एच०टी०यू० श्री अच्छेलाल सरोज, उप प्रधानाचार्या राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, बाराबंकी डॉ० पूनम सिंह, प्रभारी प्रधानाचार्या राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, बाराबंकी श्रीमती ममता सहाय, सचिव संवाद श्री अतुल तिवारी, आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती दीपशिखा त्रिपाठी ने किया। मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया तथा छात्राओं ने स्वागत गीत एवं बाल विवाह के विरूद्ध मनमोहक गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में केंद्र सरकार द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का लाइव प्रसारण दिखाया गया। जिला प्रोबेशन अधिकारी सुश्री पल्लवी सिंह ने बाल विवाह की रोकथाम के लिए छात्राओं को प्रेरित किया और पढ़ाई कर बेहतर भविष्य बनाने पर बल दिया। सहायक श्रम आयुक्त श्री मयंक सिंह ने कहा, कि यदि महिलाओं का विकास नहीं होगा तो इसका प्रभाव परिवार, समाज और देश पर पड़ेगा, बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोककर महिला विकास में सभी योगदान दें। श्री राजेश शुक्ला ने सभी छात्राओं को बाल विवाह रोकने के लिए ब्रांड एंबेसडर बनने की जिम्मेदारी दी और समाज से बाल विवाह जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के लिए जागरूक किया। विद्यालय की उपप्रधानाचार्य डॉ पूनम सिंह द्वारा छात्राओं को स्वावलंबी बनने, आगे बढ़ने एवं अन्याय का विरोध करने पर बल दिया और कहा अपने अधिकार को पाने के लिए स्वयं आगे बढ़ना होगा। श्री संतोष देव पांडे ने कहा कि अभिभावकों को विभिन्न क्षेत्र में महिलाओं के योगदान का उदाहरण देकर देशहित में बालिकाओं को आगे बढ़ने के लिए जागरूक किया जाए तभी 2047 में विकसित भारत का सपना साकार हो सकेगा। सचिव संवाद श्री अतुल तिवारी बाल विवाह, बाल यौन शोषण एवं बाल मजदूरी आदि समस्त सामाजिक बुराइयां तभी दूर हो सकती हैं जब हम सभी सरकार के प्रति उत्तरदायी हों, मन में सेवा भाव हो । मुख्य अतिथि श्री श्याम त्रिपाठी ने कहा कि यदि बालिकाएं दृढ़ प्रतिज्ञा कर लें कि वे न तो बाल विवाह करेंगी और न ही करने देंगी एवं विवाह 18 वर्ष के उपरांत ही करेंगी तभी बाल विवाह से मुक्ति पूर्णतः संभव है। इस राष्ट्रव्यापी अभियान और जमीन पर इसके असर की चर्चा करते हुए वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बाल विवाह के खात्मे के लिए महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया अभियान इस बात का सबूत है कि सरकार इस सामाजिक बुराई की गंभीरता से अवगत है। आज भी देश में 23 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों का बाल विवाह होता है जो न सिर्फ जीवनसाथी चुनने के उनके अधिकार का हनन है बल्कि इससे लड़कियों की शिक्षाए स्वास्थ्य के साथ रोजगार और आर्थिक निर्भरता की उनकी संभावनाओं पर भी बेहद बुरा असर होता है। सरकार की योजना इस अभियान में सभी हितधारकों को साथ लेकर चलने की है। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि बाल विवाह के खिलाफ काम करने के नाते हम भली भांति जानते हैं कि समग्र और समन्वित प्रयासों के बिना यह लड़ाई नहीं जीती जा सकती। लेकिन अब हमें विश्वास है कि सरकार/स्वयंसेवी संस्थाओं/पंचायत प्रतिनिधियों/सामाजिक कार्यकर्ताओं के साझा प्रयासों से भारत 2030 से पहले ही बाल विवाह के खात्मे के लक्ष्य को हासिल कर सकता है। श्ज्ञातव्य हो कि 400 से भी ज्यादा जिलों में काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जे0आर0सी0) का संवाद सामाजिक संस्थान सहयोगी सदस्य है। कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि ने विद्यालय की मेरिट में आने वाली छात्राओं अनुपमा एवं नैना घोष को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। समस्त अतिथियों को संवाद सचिव श्री अतुल तिवारी ने WHEN CHILDREN HAVE CHILDREN नामक पुस्तक भेंट की। समस्त विद्यालय परिवार एवं कार्यक्रम में सम्मिलित सभी द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत की शपथ ली। अंत में सामाजिक संस्था संवाद के माध्यम से छात्राओं द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय की उपप्रधानाचार्या डॉ० श्रीमती पूनम सिंह ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के सफ़ल आयोजन में विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्या श्रीमती ममता सहाय, श्रीमती विद्योत्मा नागेश, श्रीमती प्रतिभा श्रीवास्तव, श्रीमती सपना चावला, श्रीमती प्रियंका वर्मा, श्रीमती श्रद्धा पाल, श्रीमती मीनू बाला पाण्डेय, श्रीमती नंदा श्रीवास्तव, श्रीमती शीरीं, श्रीमती ज्योति, श्रीमती वर्षा, सुश्री सुनीता श्रीवास्तव आदि का विशेष योगदान रहा। संवाद संस्थान द्वारा बालिका शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए विद्यालय की समस्त शिक्षिकाओं को सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।
रिपोर्ट-एस के सिंह