108 निजी आइटीआइ के बंद होने की होगी जांच

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : कौशल विकास को बढ़ावा दिए जाने की तमाम योजनाओं के बीच उत्तर प्रदेश में 108 निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) क्यों बंद हो गए, इसकी जांच के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं।


जांच में इन आइटीआइ के बंद होने के कारणों की पड़ताल होगी। उन्होंने सभी आइटीआइ में विद्यार्थियों व शिक्षकों की बायोमेटिक उपस्थिति दर्ज करने और इसे आधार से लिंक करने के भी निर्देश दिए, ताकि प्रशिक्षण में गड़बड़ी न हो सके। सीएम शनिवार को लोक भवन में कौशल विकास एवं उद्यमिता विभाग के केंद्र व राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।


उन्होंने कहा कि युवाओं को स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक रोजगार हासिल हो इसके लिए स्थानीय जरूरतों के अनुसार पाठ्यक्रम निर्धारित किया जाए। केंद्र सरकार ने हर घर में नल से जल की योजना बनाई है। ऐसे में आगे तमाम कुशल प्लंबर की जरूरत पड़ेगी। बुनियादी सुविधाओं पर जोर के चलते राजमिस्त्री की मांग बढ़ी है।


विकास खंडों में युवाओं के कौशल विकास की प्रभावी कार्य योजना बनाई जाए और कौशल विकास के पाठ्यक्रम में इन ट्रेड को शामिल किया जाए। इससे करीब तीन लाख युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। बैठक में केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता विभाग के मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने केंद्र सरकार से हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिलाया। बैठक में सूबे के विभागीय मंत्री चेतन चौहान भी मौजूद रहे।


121 चीनी मिलों में मिलेगा रोजगार : सीएम ने 121 चीनी मिलों में युवाओं को रोजगार देने के निर्देश दिए। इन मिलों में युवा नौकरी हासिल कर सकें, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।


विश्व कौशल प्रतियोगिता में जाएगा प्रतिनिधिमंडल : सीएम ने 22 अगस्त से 28 अगस्त तक रूस के कजान में होने वाली विश्व कौशल प्रतियोगिता में सूबे के चार युवाओं के चयनित होने पर खुशी जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि इनके साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी जाए जो विश्व स्तर पर हो रहे अच्छे कार्यो को यहां लागू करवाए।



 


केंद्र सरकार से हर संभव मदद दिलाने का केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने दिलाया भरोसा


'>>सभी आइटीआइ में बायोमेटिक उपस्थिति अनिवार्य हो : मुख्यमंत्री


 


'>>स्थानीय जरूरत के अनुसार तय होगा पाठ्यक्रम


सीएम ने ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट पर उठाए सवाल


 


यूपी में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर सीएम ने चिंता जताते हुए ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के औचित्य पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि आइटीआइ में इस ट्रेड को विकसित किया जाए। ताकि ज्यादा प्रशिक्षित ड्राइवर मिल सकें।