राज्य ब्यूरो, लखनऊ : बिजली दरों में बढ़ोतरी के बाद अब विद्युत आपूर्ति के निजीकरण की तैयारियों पर उपभोक्ताओं ने विरोध की चेतावनी दी है। निजीकरण को उपभोक्ता हितों के विरुद्ध ठहराते हुए इससे उत्पीड़न बढ़ने की आशंका जताई गई है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत अधिनियम-2003 में प्रस्तावित संशोधन के बाद बिजली कंपनियों के निजीकरण की सुगबुगाहट तेज हो गई है। कहा कि देश भर में किए गए निजीकरण से साबित हो गया है कि इससे उपभोक्ताओं का हमेशा नुकसान ही होता है।