जिंदगी की उम्मीद बनी आयुष्मान

3981 मरीजों का अबतक हो चुका है इलाज


केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना गरीबों के लिए जिंदगी की उम्मीद से कम नही हैं। गंभीर रोग में हर तरफ से उम्मीद जब टूट गई तो इस योजना ने कई लोगों को नई जिंदगी दी। जिले में वर्षभर में योजना के तहत 3981 लोगों को इलाज हुआ है। इसमें छह लाभार्थियों का इलाज एम्स में भी हो चुका है।


इन मरीजों पर करीब चार करोड़ की धनराशि खर्च हुई है। जिले में चार राजकीय व 10 निजी चिकित्सालयों में आयुष्मान योजना से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। दो लाख 70 हजार 881 परिवार के एक लाख 22 हजार 747 परिवार का गोल्डन कार्ड योजना के तहत बने हैं। योजना के तहत कूल्हा प्रत्यारोपण, घुटना प्रत्यारोपण, बच्चेदानी का इलाज, पथरी के इलाज के अलावा डायलिसिस, हार्निया, क्षय रोग व मलेरिया के मरीजों का इलाज हो रहा है।



 


इलाज के बाद स्वस्थ राजरानी


केस:1- सफदरगंज के मसौली के रहने वाले 70 वर्षीय अयोध्या प्रसाद वर्मा को कूल्हे का प्रत्यारोपण कराना था। इसका खर्च करीब 75 हजार आता। परिवार राजमिस्त्री का कार्य करता है। जमीन को गिरवी रखने की नौबत आई, पर योजना के तहत अयोध्या प्रसाद का इलाज निश्शुल्क हुआ तो परिवारजन की खुशियां लौट आईं।


केस:2- हरख ब्लॉक के गुलरिहा निवासी 22 वर्षीय कुलदीप मेंथा की पेराई करते समय गर्म पानी से उसका पूरा शरीर 60 फीसद झुलस गया था। मजदूरी करके जीवन यापन करने वाला परिवार खर्च वहन नहीं कर पा रहा था। उसके इलाज में 80 हजार की धनराशि योजना के तहत खर्च हुई। आज कुलदीप योजना को संजीवनी बता रहा है।


 


 


केस:3-जैदपुर निवासी 45 वर्षीय राजरानी की बच्चेदानी का इलाज नहीं हो पा रहा था। प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बाद में पता चला कि 22 हजार का खर्च इलाज में आएगा। योजना के तहत सहारा दिया तो राजरानी का सफल इलाज हो सका।


इलाज के बाद स्वस्थ कुलदीप


3981 मरीजों का सफल इलाज आयुष्मान योजना से हुआ है। छह मरीज ऐसे थे जिनका इलाज एम्स में कराया गया है।


 


डॉ. रमेश चंद्र, सीएमओ, बाराबंकी


'>>जैदपुर की राजरानी को मिला योजना का सहारा, हो गईं पूर्णतया स्वस्थ्य