पैदा होने लगी बछिया, बहेंगी दूध की नदियां

छिया जन्माने की नई तकनीक कारगर साबित हो रही है। गायों में 'सेक्स एड सीमेन' का प्रयोग सफल रहा है। सौ में से 98 गायों ने सिर्फ बछिया को ही जन्म दिया है। जिले में डेढ़ हजार बछियों का जन्म कराया जा चुका है। अब वह दिन दूर नहीं जब दूध की नदियां बहेंगी। 30 बछड़ों ने भी जन्म लिया है।


नस्ल सुधार को किया गया प्रयोग


गायों के नस्ल सुधार के लिए प्रदेश सरकार ने 2017 में इटावा, लखीमपुर और बाराबंकी इसे लागू किया था। यह सीमेन सरकार ने डेनमार्क और स्विट्जरलैंड से 2200 रुपये प्रति गाय (प्रति ड्रॉप) खरीदा था। इसमें खास बात यह थी कि 90 प्रतिशत बछिया ही जन्म लेगी और वह 15 से 20 लीटर रोजाना दूध देगी। इससे श्वेत क्रांति को बल मिलेगा। जिले में 3017 ड्रॉप आई थी, जिसमें से लगभग 1600 गायों में सीमेन डाला गया और डेढ़ हजार बछियों ने जन्म लिया है।


फैक्ट फाइल जिले में कुल पशु-सात लाख 61 हजार



दुधारू पशु-साढ़े तीन लाख


सेक्स एड सीमेन' का स्टॉक-3017 ड्रॉप


गर्भधारण वाली गायें -1600


बछिया देने वाली -1500


बछड़े देने वाली गायें-32


यहां जन्मीं बछिया


राजकीय पशु चिकित्सालय हैदरगढ़ में सेक्स एड सीमेन के माध्यम से 50 गायों को गर्भधारण कराया गया। इसमें ग्राम गोतौना के कृषक श्रवण कुमार के यहां तीन, संतबख्श व अशोक चंदचूर्ण, सालपुर के कृषक सुरेश व रामलखन, जासेपुर के कृषक संदीप यादव और अमानपुरवा के विशाल तिवारी के यहां एक-एक बछिया को जन्म दिया। अभी 11 गायें गर्भित हैं।


इस तकनीक से जन्मीं एफएच प्रजाति की गायों में 20 लीटर से अधिक दूध देने की क्षमता होती है। नर गोवंश के पैदा होने की गुंजाइश कम होती है।


डॉ. राकेश शुक्ला, पशुचिकित्साधिकारी राजकीय पशु चिकित्सालय हैदरगढ़