अयोध्या पर इस हफ्ते बंद होंगे दलीलों के दरवाजे, दिवाली बाद फैसले के आसार

दिवाली से पहले पूरी हो जाएगी सुनवाई संविधान पीठ सुरक्षित रख लेगी निर्णय




अयोध्या विवाद के जिस मुकदमे पर देश भर की निगाहें लगी हैं उसकी सुनवाई अब समाप्ति की ओर बढ़ चली है। राजनीतिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील इस ऐतिहासिक मुकदमे की सुनवाई इसी सप्ताह पूरी हो जाएगी। गुरुवार या अधिकतम शुक्रवार तक सुनवाई पूरी करके सुप्रीम कोर्ट फैसला सुरक्षित रख लेगा। फैसला भी नवंबर के मध्य तक आ सकता है क्योंकि 17 नवंबर को सुनवाई करने वाली पीठ की अगुआई कर रहे मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इस सबसे इतना साफ है कि दिवाली के पहले सुनवाई पूरी हो जाएगी और दिवाली के बाद फैसला आ सकता है।


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को इस मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था। एक हिस्सा रामलला विराजमान को दूसरा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा हिस्सा मुस्लिम पक्ष को दिया था। रामलला विराजमान को वही हिस्सा दिया गया था जहां वे अभी विराजमान हैं। इस फैसले को सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कुल 14 अपीलें हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपीलें विचारार्थ स्वीकार करते हुए मामले मे यथास्थिति कायम रखने काआदेश दिया था जो कि अभी लागू है।


2010 से लंबित मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने गत छह अगस्त से रोजाना नियमित सुनवाई शुरू की थी जो इस सप्ताह पूरी हो जाएगी। अभी तक 37 दिन की सुनवाई पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने दशहरे की छुट्टियों से पहले कहा था कि मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर तक पूरी कर ली जाएगी। हालांकि उसके भी पहले कोर्ट ने सुनवाई का शेड्यूल तय करते हुए कहा था कि सभी पक्ष अधिकतम 18 अक्टूबर तक अपनी बहस पूरी कर लें। मुख्य न्यायाधीश ने उस समय साफ किया था कि कोर्ट 18 अक्टूबर के बाद सुनवाई नहीं करेगा।


अक्टूबर तक बहस पूरी करने की समयसीमा तय की है सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने



अगस्त से रोजाना शुरू हुई थी 2010 से लंबित मामले की सुनवाई, फिलहाल यथास्थिति कायम


दिन की सुनवाई पूरी हो चुकी है मामले की अभी तकअपीलें दाखिल हुई हैं सुप्रीम कोर्ट में पक्षकारों की ओर से


छह अपीलकर्ताओं की ओर से बहस पूरी


अभी तक मामले में हिंदू पक्ष की अपीलों रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा, गोपाल सिंह विशारद व अन्य पक्ष जैसे हिन्दू महासभा, श्रीराम जन्मभूमि पुनरोद्धार समिति आदि सभी छह अपीलकर्ताओं की ओर से बहस पूरी हो चुकी है और उनकी अपीलों पर मुस्लिम पक्ष का जवाब व हंिदूू पक्ष का प्रति उत्तर भी हो चुका है। आजकल सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की अपील पर राजीव धवन बहस कर रहे हैं। कोर्ट द्वारा तय शेड्यूल के मुताबिक धवन सोमवार को अपनी बहस पूरी कर लेंगे उसके बाद हिंदू पक्ष को सुन्नी वक्फ बोर्ड की अपील का जवाब देने के लिए मंगल और बुधवार का समय मिलेगा। गुरुवार को अगर जरूरत हुई तो मुस्लिम पक्ष प्रतिउत्तर देगा नहीं तो कोर्ट उसके बाद मोल्डिंग आफ रिलीफ यानी अपील मे जो मांग की गई है उसमें कोई बदलाव अगर कोई पक्ष चाहे या कुछ वैकल्पिक राहत की मांग पर सुनवाई होगी। इस तरह सुनवाई गुरुवार को पूरी हो जानी चाहिए लेकिन अगर कुछ बच गई तो शुक्रवार को हर हाल मे पूरी हो जाएगी।