महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों के साथ देश के करीब 17 राज्यों में हुए उपचुनावों की मतगणना गुरुवार को पूरी हो गई। नतीजे जो भी रहे हों, लेकिन सबसे अहम सवाल यह है कि केंद्र की सत्ता में बैठी भाजपा का इन 17 राज्यों की कुल 52 सीटों पर प्रदर्शन कैसा रहा। उसने आखिर कितनी सीटें जीतीं?
महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों की बात करें तो यहां भाजपा और शिवसेना गठबंधन में चुनाव मैदान में उतरी थीं। यहां भाजपा की सीटें घटने के बावजूद गठबंधन की सरकार बनती दिख रही है।
वहीं हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला होने के बावजूद भाजपा की कमोबेश महाराष्ट्र जैसी ही स्थिति है। बता दें कि इन दोनों ही राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की कई रैलियां आयोजित की गई थीं।
बहरहाल, अब बात करते हैं इनसे इतर 17 राज्यों की। इन राज्यों में 52 सीटों पर हुए उपचुनावों में भाजपा को कुल 15 सीटें हासिल हुई मिली हैं। इनमें भी भाजपा ने यूपी में सबसे ज्यादा सात सीटों पर कब्जा जमाया हैअसम में भाजपा को तीन, मेघालय में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी को एक सीट
असम: भाजपा का इन चार सीटों में से तीन राताबारी, रंगापारा और सोनारी पर पहले से कब्जा था, जो अब भी बरकरार है। जबकि जानिया सीट पर आल इंडिया डेमोक्रेटिक पार्टी जीती है, इस सीट पर पिछली बार भी इसी पार्टी ने कब्जा जमाया था।
मेघालय: मेघालय की शेल्ला सीट पर यूनाइटेड डेमाक्रेटिक पार्टी के बलजीत कुपर प्रतीक ने निर्दलीय उम्मीदवार कृपा मेरि कर्पूरी को 6221 वोटों से हराया।
भाजपा को मात दे बिहार में ओवैसी की पार्टी ने खाता खोला
बिहार में कुल पांच सीटों पर उपचुनाव हुआ था। यहां राष्ट्रीय जनता दल को दो, जनता दल यूनाइटेड को एक, आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन को एक, निर्दलीय को एक सीट मिली है। यहां भाजपा के पास कोई सीट नहीं थी, लेकिन उसके सहयोगी दल जद (यू) के पास पांच में से चार सीटें थीं।
जबकि इस बार उसे एक ही सीट मिली है, इस तरह उसे तीन सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है। यह भाजपा और उसके सहयोगी दल के लिए बड़ा झटका है।
खास बात यह है कि बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमएआईएम ने भी खाता खोला है। किशनगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव में पार्टी के प्रत्याशी कमरुल होदा ने भाजपा की स्वीटी सिंह को 10204 वोटों से हराया।
वहीं सिमरी बख