प्लास्टिक मुक्त अभियान को धार देगी चाक की रफ्तार

बाराबंकी : प्लास्टिक के गिलास में चाय या गरम पानी आपकी भूख-प्यास मिटाने के बजाय सेहत को बिगाड़ सकता है। इसलिए अगर आप देवा मेला जाने का मन बना रहे हैं तो प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग करने से बचिएगा। प्रशासन ने भी मेला परिसर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ ही सख्ती बरतने के आदेश दे रखे हैं। दुकानदारों पर जुर्माना तक हो सकता है। ऐसे में आप मिट्टी के बर्तनों को तरजीह दीजिएगा। प्रशासन के संकल्प को पूरा करने के लिए कुम्हारी कला से जुड़े परिवार मिट्टी के कुल्हड़, आकर्षक प्यालियां बनाने में जुट गए हैं। इससे वह प्रशासन की मुहिम में सहयोगी बनने के साथ ही अपनी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करने के साथ ही प्रदूषित होते पर्यावरण को बचाने में भी योगदान कर सकेंगे।


इन क्षेत्रों में तेजी पर है काम : जिले के सूरतगंज, निंदूरा, देवा, फतेहपुर, दरियाबाद और बनीकोडर सहित सभी ब्लॉक के कुम्हारीकला से जुड़े परिवार मेला के लिए कुल्हड़ बनाने के लिए जुट गए हैं। दस दिवसीय मेला में देश-विदेश से लाखों जायरीन की जुटने की संभावना के चलते वे कुल्हड़ के अलावा प्याली और अन्य आकर्षक मिट्टी के बर्तन भी बना रहे हैं। यह काम काम सिर्फ कुम्हार जाति के ही लोग नहीं बल्कि मुस्लिम भी कर रहे हैं। सूरतगंज के नन्हे, साबिर और शाकिर इन दिनों मिट्टी के बर्तन बनाने में जुटे हैं। साबिर ने बताया कि इस बार प्रशासन की पहल के बाद देवा में दुकान लगाने वाले कई व्यापारियों ने मिट्टी के बर्तन की मांग की है। अगर बेहतर दाम मिले तो उनको कुल्हड़ और प्याली बेची जाएगी। दरियाबाद के मिरकापुर के जगन्नाथ, अशोक, घनश्याम, रामनाथ और भगोले भी मेला के मद्देनजर मिट्टी के बर्तन बनाने में जुटे हैं। इनका कहना है कि प्रशासन का यह फैसला हमारी आजीविका के संचालन में सहायक साबित होगा।


बाराबंकी : सूरतगंज क्षेत्र में मिट्टी के बर्तन बनाता कुम्हार ' जागरण



देवा मेला को प्रशासन ने की प्लास्टिक मुक्त बनाने की घोषणा, कुम्हारी कला से जुड़े परिवारों को मिलेगा आर्थिक संबल


फैक्ट फाइल जिले में कुम्हारी कला से जुड़े परिवार : करीब दस हजार


देवा में बर्तन आपूर्ति कर लाभान्वित होंगे परिवार : करीब पांच हजार


कुम्हारी कला के लिए चिन्हित परिवार : करीब पांच सौ


दस दिवसीय मेला में कुल्हड़ की खपत : करीब 15 लाख