बंदर और कुत्तों की भरमार, एंटी रैबीज का टोटा

इंजेक्शन के लिए जिला अस्पताल तक लगानी पड़ती दौड़


बाराबंकी : शहर की छतों पर बंदर और गलियों में कुत्तों का आतंक है। बंदरों के चलते छतों पर अनाज, कपड़े सुखाने की बात तो दूर अब बुजुर्ग छतों पर धूप में भी नहीं बैठ पाते। लोग घरों अपने घरों को लोहे के जाल से घेरवा रहे हैं।


शहर के मुहल्ला नेहरू नगर में कुत्तों के झुंड निकलते हैं। गलियों में कोई साइकिल व मोटर साइकिल वाला दिख जाए तो उसे भौंकते हुए इतनी जोर दौड़ाते हैं कि अक्सर लोग गिरकर चोटिल होते हैं। पिछले दिनों नेहरू नगर निवासी दीपक कुत्तों के दौड़ाने से बाइक से गिरकर चोट खा गया। नेहरू नगर की मंजू अवस्थी ने बताया कि बंदरों जमावड़ा उनकी छत पर दिन भर रहता है। गली में कुत्ते व छत पर बंदरों के चलते बच्चों का खेलना मुश्किल हो गया। छत पर अचार, अनाज व कपड़े सुखाने के लिए डालो तो बंदर उठा ले जाते हैं। डिश टीवी की छतरी तोड़ डाली, पानी की टंकी का ढक्कन खोलकर उसमें नहाते हैं। पड़ोसी की टंकी छत से ढकेलकर नीचे गिरा दी।


नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन रंजीत बहादुर श्रीवास्तव का कहना है कि उनके मुहल्ला सरावगी में भी कुत्ता व बंदरों का आतंक बढ़ रहा है। लोग घरों को चारों तरफ लोहे के जाल से ढकवा रहे हैं। जिस तरह बेसहारा घूमने वाले गोवंशीय पशुओं को आश्रय स्थल में भेजा गया। उसी तरह कुत्ता व बंदरों के लिए भी कोई योजना सरकार को लानी चाहिए।


 


संवादसूत्र, बाराबंकी : कुत्ता, बंदर व बिल्ली, सियार आदि के काटने से पीड़ित लोगों के उपचार में प्रयोग किए जाने वाले एंटी रैबीज इंजेक्शन ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में मरीजों को नहीं मिल रहे। यह बात जिला चिकित्सालय में आने वाले मरीज बता रहे हैं।


जागरण टीम ने सोमवार को ग्रामीण अंचल से जिला चिकित्सालय आने वाले पीड़ितों से बात की तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के दावे की पोल खुली। सुबह साढ़े 11 बजे तक 70 लोगों के इंजेक्शन लग चुके थे, जिनमें 22 नए मरीज थे। तहसील फतेहपुर क्षेत्र के थाना मोहम्मदुपर खाला क्षेत्र के ग्राम मोहारी निवासी मो. तुफैल ने बताया कि उनके चार वर्षीय पुत्र अर्श को दीपावली के दूसरे दिन कुत्ते ने काट लिया था। सीएचसी सूरतगंज व सीएचसी फतेहपुर दोनों जगह एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं मिला तो एक इंजेक्शन बाजार से खरीदकर लगवाया था। उसके बाद जिला चिकित्सालय में दो इंजेक्शन लग चुके हैं। बच्चे का हाथ कुत्ते ने नोच लिया था। थाना कोठी क्षेत्र के पीरपुर गांव निवासी सत्तनलाल ने बताया कि वह बरगदहा गांव गए थे तभी कुत्ते ने काट लिया। सीएचसी कोठी में एंटी रैबीज न होने पर यहां आना पड़ा। रामनगर क्षेत्र के कस्बा त्रिलोकपुर निवासी मनोज कुमार भी आए थे जबकि रामनगर व बड़ागांव सीएचसी उनके इलाके में है। सफदरगंज क्षेत्र के बिकौली गांव निवासी मिथलेश कुमार ने बताया कि उनके गांव से सीएचसी सिरौलीगौसपुर निकट है लेकिन वहां एंटी रैबीज इंजेक्शन मिलना मुश्किल होता है इसलिए यहां आए।