दिल्ली में पानी भी सबसे खराब शुद्धता की रैंकिंग में अंतिम 21वें पायदान पर लखनऊ को मिला 15वां स्थान

, नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली रहने लायक नहीं रह गई है। यहां की हवा और पानी दोनों ही सबसे खराब हो गई है। चाहें आप सांस लें या चाहे पानी पीए, दोनों ही सूरत में आप अपने अंदर धीमा जहर भर रहे हैं। लखनऊ में भी पानी की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। शनिवार को जारी 21 शहरों की रैंकिंग में दिल्ली सबसे आखिरी पायदान पर है तो लखनऊ 15वें नंबर पर है। हालांकि यहां हवा कुछ साफ हुई है।


पिछले चौबीस घंटे में हवा और पानी की गुणवत्ता को लेकर आई दो रिपोर्ट राष्ट्रीय राजधानी की भयावह तस्वीर पेश कर रहे हैं। सबसे पहले बात करते हैं हवा की। मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली निजी क्षेत्र की एजेंसी स्काईमेट द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली शीर्ष पर है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) में दिल्ली को 527 अंक मिले हैं। दुनिया के चोटी के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में 161 अंकों के साथ कोलकाता पांचवें और 153 अंकों के साथ मुंबई नौवें स्थान पर है। इस सूची में पाकिस्तान का लाहौर शहर 234 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है। लेकिन पहले स्थान पर विराजमान दिल्ली और लाहौर के बीच फासला बहुत बड़ा है। एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक दिवाली के बाद से आबोहवा में गिरावट दर्ज की गई है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसमान में छाया कोहरा अपने आप में जहर समेटे हुए है।


उधर, लखनऊ में शुक्रवार की अपेक्षा एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 28 यूनिट नीचे 305 के स्तर में आ गया। हालांकि, पड़ोसी शहर कानपुर देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा, जहां एक्यूआइ शुक्रवार के मुकाबले 40 यूनिट बढ़कर 418 की रेंज में पहुंच गया।


वायु गुणवत्ता के मानक: बता दें कि 0-50 एक्यूआइ को अच्छा माना जाता है। 51-100 एक्यूआइ को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को बहुत खराब और 401-500 एक्यूआइ को अत्यधिक गंभीर या खतरनाक माना जाता है।



 


'>>मुंबई का पानी सबसे शुद्ध, सभी मानकों पर खरा उतरा


 


'>>राष्ट्रीय राजधानी विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की रैंकिंग में शीर्ष पर


 


'>>खराब हवा वाले शहरों में कोलकाता पांचवें और मुंबई नौवें स्थान पर


सुप्रीम कोर्ट की फटकार भी बेअसर


प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार का भी कोई असर नजर नहीं आ रहा। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को प्रदूषण से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि आखिर दिल्ली में लोग सांस कैसे ले रहे हैं। शीर्ष अदालत ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों को प्रदूषण कम करने के उपायों की जानकारी के साथ 25 नवंबर को तलब किया है।


पानी की शुद्धता पर रैंकिंग जारी


दिल्ली का पानी भी पीने लायक नहीं रह गया है। 21 शहरों की रैंकिंग में दिल्ली सबसे आखिरी पायदान पर है, जबकि मुंबई शीर्ष पर। यानी मुंबई का पानी सबसे शुद्ध है। लखनऊ 15वें नंबर पर है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने पानी की गुणवत्ता की रैंकिंग जारी की। भारतीय मानक ब्यूरो ने इसकी रिपोर्ट तैयार की है। पासवान ने यहां शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दिल्ली में नल के पानी के 11 में से सभी 11 नमूने 10 मानकों पर फेल हो गए। कोलकाता और चेन्नई का हाल भी कुछ ऐसा ही है। इनके 11 में से 10 नमूने फेल हुए हैं। पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए दिल्ली के अलावा देशभर में 20 राज्यों की राजधानियों से पानी के नमूने लिए गए थे। इस रिपोर्ट में पहले नंबर पर मुंबई रहा। यहां का पानी हर मानक पर पास हुआ है। दूसरे नंबर पर हैदराबाद और तीसरे नंबर पर भुवनेश्वर है।


'ऑड-इवेन' पर उठाए सवाल


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के 4-15 नवंबर तक चलाए 'ऑड-इवेन' योजना पर सवाल किए। अदालत ने पूछा कि क्या इस योजना से राजधानी को कोई लाभ हुआ? दिल्ली सरकार ने दुपहिया और तिपहिया वाहनों को ऑड-इवेन स्कीम से छूट क्यों दी? पराली जलनी कम हुई, फिर भी प्रदूषण कम क्यों नहीं हो रहा?