एससी के ‘सामाजिक बहिष्कार’ की जांच हो सकती है: कोर्ट

 सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि हरियाणा के एक गांव में दो साल से भी अधिक समय से अनुसूचित जाति के सामाजिक बहिष्कार के मामले की जांच का वह आदेश दे सकता है। हैंड पंप से पानी लेने के मुद्दे पर दबंग समुदाय के साथ हुए विवाद के बाद से अनुसूचित जाति का बहिष्कार हो रहा है।


जस्टिस एनवी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह इस मामले की जांच के लिए तीन चार अधिकारियों के नाम के साथ तैयार रहें। पीठ ने मेहता से कहा, 'आप हमें कुछ स्वतंत्र अधिकारियों के नाम दीजिए जो इनमें से किसी भी समुदाय से नहीं हों।' पीठ हरियाणा के हिसार जिले के एक गांव में दो जुलाई, 2017 से एससी का कथित रूप से सामाजिक बहिष्कार किए जाने के मुद्दे पर दायर एक याचिका की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस कर रहे वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विस से सवाल किया कि इस मामले की वह सीबीआइ जांच की मांग क्यों कर रहे हैं। पीठ ने कहा, 'आप सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं। इसमें ऐसा क्या है जो आपको मिलेगा? सीबीआइ की जांच का आदेश देने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आपको इससे क्या हासिल होगा।'