दो चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगवाने के लिए प्रस्ताव तैयार, रामनगर चौराहे पर बूथ तक नहीं
बाराबंकी : ट्रैफिक नियमों से संबंधित पुस्तकों में ट्रैफिक बूथ की जगह भले ही ट्रैफिक सिग्नल ने ले ली हो पर प्रदेश की राजधानी के पड़ोसी जिले का ट्रैफिक सिस्टम पुराने र्ढे पर ही चल रहा है। पुलिस महकमे ने अब इसे अपग्रेड करने की अकुलाहट दिखाई है। शहर के दो चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगवाने के लिए प्रस्ताव तैयार कराया गया है। इसे हरी झंडी मिली तो शहर में पहली बार ट्रैफिक सिग्नल की बत्ती जल सकेगी।
देवा शरीफ व बौद्ध परिपथ (रामनगर-बहराइच मार्ग) को जाने वाले रामनगर तिराहे के साथ पटेल चौक का चयन ट्रैफिक सिग्नल लगवाने के लिए किया गया है। अभी रामनगर चौराहे पर ट्रैफिक बूथ तक नहीं हैं। बस स्टेशन चौराहा पर सड़क के बीच में सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति बनी है। उसके आसपास ही यातायात सिपाही डंडा लेकर खड़े होते हैं। कभी हाथ के इशारे से तो कभी डंडा घुमाकर लोगों को आने-जाने का संकेत देते हैं। अक्सर वाहन चालक मनमाने तरीके से निकलने की कोशिश करते हैं तो उन्हें रोकने में यातायात सिपाहियों को दुर्घटना की भी संभावना बनी रहती है। इसी मार्ग पर लखपेड़ाबाग चौराहा से होकर करीब आधा दर्जन स्कूल-कॉलेजों के आठ हजार से ज्यादा छात्र-छात्रएं गुजरते हैं पर यहां तो यातायात सिपाही भी नहीं रहते जबकि, आए दिन हादसे होते हैं। इसके आगे सतरिख नाका चौराहा से हैदरगढ़ रोड जुड़ी होने से यहां भी वाहनों का दबाव रहता है । एआरटीओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पटेल तिराहा और रामनगर तिराहे पर सिग्नल लगाने के लिए प्रस्ताव बनाया गया है। इन्हें मॉडल के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके बाद भविष्य में अन्य चौराहों पर भी सिग्नल लगाने पर विचार किया जाएगा।
देवा तिराहे पर नहीं लगा ट्रैफिक सिगनल हाथ से संकेत करते यातायात सिपाही ' जागरण
विनियमित क्षेत्र निधि से पटेल चौराहा पर सिग्नल सिस्टम लगाने पर विचार किया जा रहा है लेकिन, अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका है।
अभय कुमार पांडेय, एसडीएम सदर,