जेल जाने से तीन दिन पहले जिंदगी से आजादहो गया ओमप्रकाश

बरेठी (बाराबंकी) : लंबे अरसे से बीमार चल रहे हत्याभियुक्त छह माह के पेरोल पर जेल से बाहर आया था। पेरोल समाप्त होने के तीन दिन पहले ही अभियुक्त की मृत्यु हो गई। आरोपित पर गांव में ही रंजिश के चलते हुई हत्या का मुकदमा दर्ज था।


देवा थाना क्षेत्र के ग्राम माती निवासी ओम प्रकाश गौतम उर्फ ओपी अपने गांव के ही राम स्वरूप की हत्या के मामले में जिला कारागार में निरुद्ध था। दस वर्ष पहले हुई हत्या के मामले में अदालत ने ओपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। छह माह पहले सांस की बीमारी के चलते उसे न्यायालय से पेरोल मिल गया था। ओपी अपने घर पर था और उपचार चल रहा था। मंगलवार को उसकी हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। परिवारजन की सूचना पर माती पुलिस चौकी इंचार्ज धर्मेंद्र सिंह ने शव का पोस्टमार्टम कराया है। जेल अधीक्षक आरके जायसवाल ने बताया कि ओम प्रकाश हत्या के मुकदमे में सजायाफ्ता था। दो दिन बाद 15 नवंबर को पेरोल समाप्त हो रहा था।


क्या है मामला : दरअसल मृतक का छोटा भाई दस वर्ष पूर्व गांव से एक विवाहिता को लेकर भाग गया था। इसी रंजिश में हुई दोनों पक्षों में 24 अगस्त 2011 में हुई मारपीट हुई। इसमें दोनों पक्षों को जेल भेजा गया। दोन पक्ष जमानत से छूटकर आए और फिर दोनों पक्ष में मारपीट हो गई। इसमें विपक्षी राम स्वरूप की मृत्यु हो गई थी। प्रकरण में ओम प्रकाश गौतम सहित दो सजायाफ्ता थे। मृत्यु के बाद मृतक की पत्नी, तीन बेटे व तीन बेटियों सहित सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।