कल्याण निगम पर बैठक कल, बंदी पर होगा फैसला

लखनऊ : जीएसटी लागू होने के बाद जर्जर हालत में पहुंचे उप्र राज्य कर्मचारी कल्याण निगम पर अंतिम फैसले की घड़ी अब नजदीक आ रही है। निगम का भविष्य तय करने के लिए वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक 18 नवंबर को बुलाई गई है। निगम प्रबंधन और कर्मचारियों, दोनों को इस बैठक से निर्णायक नतीजा निकलने की उम्मीद है।


वैट की तरह जीएसटी के दौर में भी कल्याण निगम चलता रहे और राज्य कर्मचारियों को सस्ता सामान मिलता रहे, इसके लिए निगम ने राज्य सरकार से एसजीएसटी में छूट दिए जाने या छूट की रकम बराबर प्रतिपूर्ति का आग्रह किया था। निगम को एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति के प्रस्ताव पर वाणिज्य कर विभाग को तो आपत्ति नहीं थी लेकिन वित्त विभाग में यह अटक गया। टैक्स की प्रतिपूर्ति की बजाय वित्त विभाग ने निगम को बंद करने का सुझाव दे दिया। हालांकि निगम प्रबंधन ने इसे उचित विकल्प नहीं बताया था लेकिन मामला शासन में पहुंचने और कैबिनेट बैठक में रखे जाने पर निगम पर फैसले के लिए समिति बना दी गई थी।


वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में गठित समिति में एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह को भी शामिल किया गया है। 22 अक्टूबर को गठित समिति से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा था।


गठन के 15वें दिन चार नवंबर को समिति की पहली बैठक हुई थी लेकिन यह परिचयात्मक ही रही। अब दूसरी बैठक 18 नवंबर को बुलाई गई है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि इस बैठक में निगम को बनाए रखने या बंद करने पर फैसला कर लिया जाएगा। साथ ही यह भी तय कर लिया जाएगा कि निगम बंद होने पर कर्मचारियों का समायोजन किस तरह किया जाना है।