कोटे की दुकान पर मिलेगा दैनिक उपयोग का सामान

अब कोटे की दुकान पर गेहूं, चावल, चीनी व केरोसिन ही नहीं, आपको साबुन, मंजन व अन्य रोजमर्रा की वस्तुएं भी मिलेंगी। शासन ने ऐसी वस्तुएं जो जनता को नियंत्रित मूल्य पर नहीं मिल पा रही हैं, उनके बिक्री की अनुमति दे दी है। हालांकि इन सामानों का मूल्य तय नहीं किया गया है। कोटेदार इसे बाजार मूल्य पर ही बेचेंगे।


सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित उचित दर दुकानों के दुकानदारों (कोटेदार) की आमदनी बढ़ाने के लिए यह लिया गया है। आपूर्ति विभाग को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिले के कोटे के कुल दुकानों की संख्या 1380 है। इसमें से 71 दुकानें शहरी क्षेत्र में व 1309 दुकानें ग्रामीण क्षेत्र में संचालित हैं। इन दुकानों के जरिए अंत्योदय अन्न योजना व पात्र गृहस्थी योजना के तहत 5.75 लाख उपभोक्ताओं को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाती है।


कोटेदारों की आमदनी बढ़ाने के लिए शासन ने दी अनुमति



जन उपयोगी व स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी वस्तुओं की करेंगे बिक्री


यहां मिलेंगी ये वस्तुएं


साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, ब्रश, चाय की पत्ती, पेन, कॉपी आदि को शामिल किया गया है। जबकि स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी वस्तुओं में ओआरएस घोल, ओआरएस टेबलेट, सेनेटरी नैपकीन आदि के बिक्री की छूट दी गई है।  68 पैसे प्रति किग्रा मिल रहा कमीशन : कोटेदारों को गेहूं व चावल पर 68 पैसे प्रति किलो के हिसाब से कमीशन तय किया गया है। इसके अलावा केरोसिन पर दूरी के हिसाब से धनराशि तय की गई है। डोर स्टेप डिलीवरी योजना लागू होने के बाद अनाज ढुलाई का भाड़ा मिलना भी बंद हो गया। अन्य वस्तुओं की बिक्री से औसतन पांच-सात हजार रुपये की कमाई हर महीने बढ़ सकती है।


सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ते गल्ले की दुकानों पर शासन ने जन उपयोगी रोजमर्रा की वस्तुओं के बिक्री की अनुमति दी है। इससे कोटेदारों की आय में वृद्धि हो सकेगी।


वीरेंद्र कुमार महान, डीएसओ, गोंडा।