नई दिल्ली : अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को शांति और सद्भाव के साथ स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को धन्यवाद दिया है। 'मन की बात' कार्यक्रम के 59वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश ने फैसले पर जिस प्रकार के धैर्य, संयम और परिपक्वता का परिचय दिया है उससे साबित हो गया है कि भारतीयों के लिए राष्ट्रहित से बढ़कर कुछ भी नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न्यायपालिका के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद देश अब नई उम्मीदों, नई आकांक्षाओं और नए इरादे के साथ नए रास्ते पर चल पड़ा है।
प्रधानमंत्री ने अयोध्या पर अदालत के फैसले के पहले पिछले महीने की 'मन की बात' की भी याद दिलाई। जिसमें उन्होंने देशवासियों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उसी तरह स्वीकार करने की अपील की थी, जिस तरह 2010 में इसी मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को शांति और भाई-चारे के साथ स्वीकार किया था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 130 करोड़ भारतीयों ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि उनके लिए देशहित से बढ़कर कुछ नहीं है। देश में शांति, एकता और सद्भावना के मूल्य सवरेपरि हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जहां एक ओर लंबे समय के बाद कानूनी लड़ाई समाप्त हुई है, वहीं, देश में न्यायपालिका के प्रति सम्मान और बढ़ गया है। पीएम ने कहा कि उनकी राजनीति में आने की कभी इच्छा नहीं थी। वह तो इस बारे में कभी सोचते तक नहीं थे। अब जब वो इसका हिस्सा बन गए हैं तो लोगों के लिए बेहतर से बेहतर करने की कोशिश करते हैं