मियाद बीती पर नहीं भरे सड़क के गड्ढे मार्ग पर गिट्टी डालकर भूल गए अफसर

संवादसूत्र, बाराबंकी : जिले की सड़कों को 15 नवंबर तक गड्ढा मुक्त करने का सरकारी समय बीत गया लेकिन सड़कों के गड्ढे नहीं मिट पाए। हद तो यह कि लगभग सभी ग्रामीण सड़कें अभी तक गड्ढों से मुक्त नहीं हो पाई हैं। मुख्य मार्गों तक ही गड्ढा मुक्त करने का अभियान सीमित है। इसके पीछे विभागीय लापरवाही ही नहीं शासन स्तर से जरूरत के मुताबिक धनराशि न मिलना अहम कारण है। हाल यह है कि शहर की सड़कें के भी गड्ढे नहीं भरे जा सके हैं।


शहर में धनोखर चौराहा से घंटाघर होते हुए पीरबटावन तक जाने वाली सड़क पर इस समय बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। यही हाल धनोखर चौराहा से नेबलेट व छाया चौराहा व छाया चौराहा से नागेश्वरनाथ मंदिर तक सड़क पर बने गड्ढे आवागमन में समस्या पैदा कर रहे हैं।


सतरिख से जैदपुर नगर पंचायत को जोड़ने वाली सड़क की मरम्मत तो शुरू की गई है लेकिन जिन स्थानों पर मरम्मत हुई वहां भी अधिकांश गड्ढे नहीं भरे गए। भिटरिया से दरियाबाद जोड़ने वाली सड़क पर गिट्टियां बिखर रही हैं। गनेशपुर में बड़नपुर चौराहे से लकड़ी मंडी तक सड़क खराब है। हरख ब्लॉक में तेजवापुर से बेरहटा होते हुए बीबीपुर तक सड़क पर गड्ढे होने से आवागमन प्रभावित है। जैदपुर से सिद्धौर जाने वाली सड़क भी गड्ढों से मुक्त नहीं हो सकी। सिरौलीगौसपुर, रामनगर व फतेहपुर क्षेत्र की ग्रामीण सड़कों का भी यही हाल है।


गिट्टी डालकर भूल गए : दरियाबाद क्षेत्र में भिटरिया टिकैतनगर मार्ग से मरखापुर तक जाने वाली सड़क पर दो साल पहले पत्थर डाले गए थे लेकिन डामर आज तक नहीं पड़ सका। हैदरगढ़ क्षेत्र में महराजगंज रोड से ग्राम बड़भित्ती जाने वाली करीब एक किलोमीटर सड़क अब तक पक्की नहीं हो सकी। ठेकेदार अशोक सिंह का कहना है कि उन्हें सड़क निर्माण का ठेका मिला लेकिन पैसा नहीं।


संवादसूत्र, देवा/बेलहरा (बाराबंकी) : करीब छह माह से अर्धनिíमत पड़ी विशुनपुर से पंडितपुर की सड़क राहगीरों के लिए मुसीबत बनी है। मार्ग पर महीनों पहले डाले गए बोल्डरों पर राहगीरों का निकलना दूभर है। लोक निर्माण विभाग के अफसर शायद इन गिट्टियों को डलवाकर सड़क निर्माण करना भूल गए हैं। करीब आधा दर्जन लोग इन बोल्डरों की चपेट में आकर घायल हो चुके हैं।


फतेहपुर ब्लॉक के कस्बा विशुनपुर से पंडितपुर को जोड़ने वाले मार्ग का निर्माण लोकसभा चुनाव से पूर्व शुरू हुआ था। डामरीकरण के लिए बोल्डर डाले गए थे। बोल्डर (गिट्टी) डालने के बाद से इस मार्ग की सुधि नहीं ली गई। मार्ग पर वाहन तो दूर लोगों का पैदल चलना भी दूभर है। अभिषेक, आदर्श, ललित सहित करीब आधा दर्जन लोग बोल्डरों की चपेट से चोटिल भी हो चुके हैं। रामशंकर तिवारी ने बताया कि सड़क पर पड़े बोल्डरों के चलते बच्चों, बूढ़ों और रोगियों का गुजरना दुश्वार है।



रेलवे स्टेशन के निकट माल गोदम रोड पर गड्ढे में भरा पानी 'जागरण


सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का काम किया जा रहा है। अन्य जिला मार्गों के गड्ढे मिटाए गए। अब ग्रामीण मार्गों के गड्ढे भरे जा रहे हैं।


करीब पांच करोड़ रुपये की डिमांड की गई थी मगर दो करोड़ 23 लाख रुपये मिले हैं।


एके चौरसिया , अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण खंड-एक


विशुनपुर जाने वाले मार्ग पर पड़ी गिट्टियां