केंद्र सरकार ने अपने विभागों से कहा है कि वे सरकार द्वारा संचालित प्रशिक्षण संस्थानों को उनकी वेबसाइट पर दी जाने वाली सूचनाओं का पारदर्शिता ऑडिट कराने की अनुमति दें। कार्मिक मंत्रलय पूर्व में इस आशय का आदेश दे चुका है।
सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम-2005 की धारा 4 (2) के तहत जनता को स्वत: जानकारी देना अनिवार्य है। उद्देश्य है कि लोगों को आरटीआइ का कम उपयोग करना पड़े। नियमों के अनुसार, प्रत्येक मंत्रलय या सार्वजनिक प्राधिकरण को दी जाने वाली सूचनाओं का साल में एक बार किसी तीसरे पक्ष से ऑडिट करवाना अनिवार्य है।
इस दौरान यह भी जांचना होगा कि क्या कोई और ऐसी जानकारी है जो सार्वजनिक की जा सकती थी। ऑडिट हर साल किया जाएगा और इसके बारे में केंद्रीय सूचना आयोग को हर बार जानकारी दी जाएगी।