रामकथा में सुनाई वन गमन की कथा

संवादसूत्र, निंदूरा (बाराबंकी): धन्नाग तीर्थ मंदिर में चल रही रामकथा में दूसरे दिन कथा व्यास पवन मिश्र ने सीता हरण की माíमक कथा सुनाई जिसे सुनकर श्रद्धालुओं की आंखें नम हो उठीं।


श्रद्धालुओं को राम वन गमन की कथा सुनाते हुए पवन मिश्र ने कहा कि राजा दशरथ के चारों पुत्रों का विवाह हो जाने से अयोध्या में सारी खुशियां आ गई थीं। इसी बीच राजा ने राम का राज्याभिषेक करने की घोषणा कर दी। समय का चक्र ऐसा घूमा कि रानी कैकेयी ने राजा दशरथ से पुराने वरदान में अपने पुत्र भरत के लिए राज और राम के लिए 14 वर्ष का वनवास मांग लिया। सीता और लक्ष्मण के साथ राम जब वन को निकले तो अयोध्या में मायूसी छा गई। कथा वाचक ने राम केवट संवाद का माíमक ढंग से वर्णन किया। पंचवटी में लंका के राजा रावण की ओर से सीता का हरण किए जाने की कथा सुनाते हुए कथा वाचक इतने भावुक हो उठे कि श्रोताओं की आंखें भी नम हो गईं। उन्होंने वानर राज सुग्रीव से राम की मित्रता और वानर सेना की ओर से सीता की खोज की कथा सुनाई।