राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति व ग्राम प्रधान ने सुलझाया वर्षो पुराना रास्ते का विवाद

पुलिस से लेकर कोर्ट तक कई वर्षों से दो पक्षों के बीच चल रहे एक रास्ते के विवाद को आखिरकार मंगलवार को राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के पदाधिकारियों व ग्राम प्रधान ने आपसी समझौता कराकर विवाद को हल कर दिया।जिससे दोनों पक्षों में खुशी का माहौल कायम हो गया।
मामला जनपद की ग्राम पंचायत खेवली के मजरे ग्राम बबूरिहा का है।जहां एक चकरोड को लेकर कई वर्षों से सुरेश चंद्र पुत्र बालकराम व नरेंद्र कुमार पुत्र बद्री प्रसाद आदि के विवाद चल रहा था।वास्तव में चकरोड तो सुरेश चंद्र के खेत में राजस्व नक्से के मुताबिक था परंतु मौके पर सुरेश चंद्र के खेत का रकबा कम था।जिस पर सुरेश चंद्र की मांग थी कि पहले मेरा रकबा पूरा कर दिया जाए फिर मेरे खेतों के बीच से रास्ता निकाल दिया जाए।जिसके सम्बन्ध में दोनों पक्षों ने पुलिस व राजस्व से लेकर कोर्ट तक परिक्रमा लगा डाली।कई बार राजस्व टीम द्वारा पुलिस की मौजूदगी में पैमाइश कर रास्ता निकलवाने का प्रयास किया गया परन्तु समुचित निराकरण नही निकल सका।इधर एक सप्ताह पूर्व उक्त प्रकरण राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के पास पहुंचा।जिसको संज्ञान में लेते हुए सोमवार को समिति के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार आदर्श के दिशा निर्देशन में प्रदेश महासचिव धर्म कुमार यादव, अयोध्या मण्डल महासचिव उमेश चंद्रा ,मंडल संगठन सचिव प्रमोद कुमार यादव,जिलाध्यक्ष दानसिंह एडवोकेट,युवा जिलाध्यक्ष विवेकानन्द(रवि यादव)सहित पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने जाकर उप जिलाधिकारी नवाबगंज को उक्त के संबंध में एक ज्ञापन सौंपते हुए पूरे प्रकरण से अवगत कराया जिसपर उप जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि मैं पुनः पैमाइश करवाकर आपका रकबा पूरा करवा दूंगा रास्ते का जो जायज है उसको निकल जाने दीजिए। उप जिलाधिकारी महोदय के आश्वासन पर राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति की उक्त टीम ने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शोभन यादव के साथ मंगलवार को बैठक कर आपसी सुलह समझौता के द्वारा रास्ता निकलवाकर एक सप्ताह पूर्व राजस्व टीम द्वारा की गई पैमाइश के आधार पर सुरेश चंद्र के रकबे की निशानदेही भी कर दी गयी।फिलहाल अभी पक्की पैमाइश होना बाकी है ।परंतु रास्ता निकलने के बाद जहां मौके का विवाद समाप्त हो गया है वही शांति व्यवस्था भी बरकरार है।दोनों पक्ष ग्राम प्रधान व राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति को बधाई देते हुए आपस मे खुश है।