सांविधानिक चेतना में भूमिका निभाएं विधायक

संविधान दिवस पर आयोजित विशेष सत्र में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने किया आह्वानलखनऊ : संविधान दिवस पर मंगलवार को आयोजित विधानमंडल के विशेष सत्र में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने विधायकों से अपने सार्वजनिक जीवन में एक उदाहरण प्रस्तुत करने को कहा, जिनसे नागरिकों में सांविधानिक चेतना का प्रसार हो। राज्यपाल का कहना था कि अभी संविधान दिवस की सार्थकता के लिए काफी प्रयास की जरूरत है।


अपने 17 मिनट के अभिभाषण में राज्यपाल ने एक देश, एक विधान व एक निशान का सपना साकार करने के लिए भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 व 35-ए को निरस्त किए जाने को ऐतिहासिक कदम बताया। उनका कहना था-'संविधान के उद्देश्यों की पूर्ति में केंद्र के साथ राज्य सरकारों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है।' राज्यपाल ने प्रदेश सरकार द्वारा आम नागरिकों के जीवन स्तर को ऊंचा करने के लिए कराए गए कायरें को भी गिनाया।


प्रधानमंत्री आवास योजना में 25 लाख से अधिक आवास व दो करोड़ 61 लाख शौचालयों के निर्माण में देश में प्रथम स्थान पा लेने की प्रशंसा की। इसके अलावा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना व उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के गठन को भी सराहा। उन्होंने 'एक जनपद, एक उत्पाद' योजना में पांच लाख से अधिक रोजगार के अवसर बनने को सार्थक कदम बताते हुए कहा कि सामाजिक व आर्थिक न्याय की परिकल्पना अब साकार होने लगी है।


राज्यपाल ने संविधान दिवस 26 नवंबर से बाबा साहब की जयंती 14 अप्रैल 2020 तक सांविधानिक जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार की विशेष कार्ययोजना को सार्थक प्रयास बताया। संविधान दिवस के मौके पर विधानभवन को विशेष रूप से सजाया गया था। बड़ी संख्या में लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे थे। अभिभाषण के लिए राज्यपाल को सम्मानपूर्वक विधानमंडप तक लाया गया। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने स्वागत किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी व बसपा दलनेता लाल जी वर्मा समेत सभी प्रमुख नेता मौजूद थे।