तीन पंचायतों में विकास के नाम पर लाखों की धांधली

 बाराबंकी : जिले की सोशल ऑडिट टीम अब सक्रिय हो गई है। ऑडिट के दौरान फतेहपुर की तीन ग्राम पंचायतों में लाखों की धांधली पकड़ी गई है। इस पर सचिव के निलंबन और एफआइआर दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पीएम आवास, मनरेगा, वॉल राइटिंग आदि विकास कार्यों का फर्जी भुगतान करा दिया गया, जिसके ग्राम प्रधान और सचिव कागजात नहीं दिखा पाए।


फतेहपुर के सिहाली ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्यों की हकीकत जानने के लिए सोशल ऑडिट की गई। इस दौरान ग्राम पंचायत में पाया गया कि पीएम आवास का लाभार्थी विमल कुमार ने चार वर्ष पहले अपना पक्का घर बनवा लिया था। सोशल ऑडिट में निकल कर आया कि सचिव ने जालसाजी से पक्के घर को दिखाकर अपात्र को पहले पात्र बनाया और बाद में विमल के खाते में एक लाख 28 हजार पांच सौ 75 रुपये भेजकर धांधली कर डाली। अपात्र लाभार्थी के बकायदा टीम ने वीडियोग्राफी भी की, जिसमें उसने सच्चाई समाने रख दी। इसके अलावा ग्राम पंचायत में पाया गया कि रोजगार दिवस का आयोजन नहीं किया गया। वॉल पेटिंग नहीं कराई गई। भुगतान रसीद जारी नहीं की गई। अधिकांश आवासों में फर्श व प्लास्टर नहीं लगाया गया है। डीडीओ केके सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायतों में धांधली पकड़ी गई है, कार्रवाई के लिए पत्र तैयार किए जा रहे हैं।


यहां हुआ मनरेगा से फर्जी भुगतान : ग्राम पंचायत मुंडेरा में रोजगार दिवस आयोजित नहीं होती है। भुगतान रसीद नहीं दी गई। वॉल राइटिंग का कार्य नहीं हुआ है। विकास कार्यों के फोटो ग्राफ नहीं पाए गए। मास्टर रोल में श्रमिकों की संख्या शून्य दिखाई गई। जबकि भुगतान करा लिया गया है। यहां छोटी-छोटी धनराशि मनरेगा से निकाली गई, जिनके कागज मौके पर नहीं मिले हैं।


कागजों में हुआ पौध रोपण : गंगौला ग्राम पंचायत में टीम ने सोशल ऑडिट किया। जिसमें पाया कि तालाब खोदाई का बोर्ड नहीं लगा था। विकास कार्यों के अधिकांश अभिलेख अधूरे मिले हैं। पौधरोपण नहीं कराया गया, जबकि पौधे खरीदकर पौधरोपण कागजों में कराया गया है।