कानपुर में फिर ¨हसा, रामपुर भी सुलगा

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में आगजनी और तोड़फोड़ प्रदेश में अब तक 15 लोगों की मौत


लखनऊ : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदेश में तीसरे दिन भी ¨हसात्मक प्रदर्शन जारी रहे। कानपुर में लगातार दूसरे दिन आगजनी और तोड़फोड़ की गई, रामपुर में भी जमकर बवाल हुआ। डीजीपी मुख्यालय के अुनसार ¨हसा के दौरान अब तक आठ जिलों में 15 व्यक्तियों की मौत हुई है। हालांकि दो अन्य व्यक्तियों के मरने की सूचना भी फैली, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देश पर पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है।


प्रदेश के कई जिलों में शनिवार को भी ¨हसक प्रदर्शन जारी रहे। कानपुर में शुक्रवार को भड़की ¨हसा में दो की मौत के बाद शनिवार को दोपहर बाद उपद्रवियों ने यतीमखाना पुलिस चौकी पर हमला बोल दिया। पेट्रोल व देसी बम फेंके। फायरिंग की और पथराव भी किया। चौकी के बाहर खड़ी दो बाइक व दो कारें फूंक दीं। यतीमखाना पहुंचे एक काजी पर भी भीड़ ने पत्थर फेंके। एक सिपाही के कंधे में गोली लगी है, जबकि पथराव में एक दारोगा भी घायल है। एडीजी प्रेमप्रकाश ने बताया कि भीड़ को भड़काने और बलवे में शामिल होने के आरोप में आर्य नगर से विधायक अभिताभ वाजपेयी व पूर्व विधायक कमलेश दिवाकर को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, शुक्रवार को गोली लगने से घायल 13 लोगों में से मोहम्मद रईस व मोहम्मद फैजान की हालत गंभीर बनी हुई है।


शनिवार को रामपुर भी सुलग उठा। उपद्रवियों ने वाहनों में आगजनी के साथ पुलिस को निशाना बनाया। पथराव और फायरिंग की।


फीरोजाबाद में शुक्रवार को हुए उपद्रव के दौरान फायरिंग में घायल एक और युवक आरिफ उर्फ कल्लू पुत्र यामीन निवासी आजाद नगर की मौत हो गई। मेरठ में ¨हसा की चपेट में आए और अस्पताल में भर्ती अलीम अंसारी निवासी गली नंबर आठ अहमदनगर लिसाड़ी गेट की मौत हो गई। मेरठ में अब तक पांच की मौत हो चुकी है। बिजनौर में दो और मुजफ्फरनगर में एक की मौत हुई है। ¨हसा के दौरान लखनऊ, मेरठ, बिजनौर, कानपुर, फीरोजाबाद, बिजनौर, संभल व मुजफ्फनगर में 15 व्यक्तियों की जानें गई हैं। स्थिति तनावपूर्ण देखते हुए पुलिस, पीएसी व अर्धसैनिक बल के जवान संवेदनशील स्थानों पर लगातार गश्त कर रहे हैं।


कानपुर में शनिवार को उग्र भीड़ ने यतीमखाना चौकी के बाहर खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी ' जागरण



'>>कानपुर में एक विधायक और पूर्व विधायक गिरफ्तार


एक सिपाही के कंधे में गोली लगी पथराव में एक दारोगा भी घायल स्थिति तनावपूर्ण देखते हुए पुलिस और पीएसी की गश्त जारी


सीएए को समङों, भ्रम की स्थिति न बनने दें: राज्यपाल


नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रही ¨हसक घटनाओं को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने चिंता जताई है। शनिवार को राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उन्होंने प्रदेश की स्थिति जानी। वह संबंधित मामले की पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेंगी। उन्होंने नागरिकों से शांति की अपील करते हुए कहा है कि हिंसा, आगजनी और सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान से कानून व्यवस्था बिगड़ती है। जान-माल की हानि सहित बच्चों की पढ़ाई और आम नागरिकों को परेशानी होती है। पटेल ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के प्राविधान से किसी भी नागरिक का हित प्रभावित नहीं होगा।


आनंदीबेन पटेल ' फाइल फोटो


15 जिलों में तनाव, कार्रवाई के निर्देश


फीरोजाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, गोरखपुर, बिजनौर, हापुड़, सहारनपुर, अमरोहा, बहराइच, बरेली व मुजफ्फरनगर समेत 15 से अधिक जिलों में स्थिति तनावपूर्ण है। उपद्रवियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं और कार्रवाई की निरंतर मानीटरिंग को कहा गया है।


अब तक 124 एफआइआर, 705 गिरफ्तार


आइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि 10 दिसंबर से अब तक विभिन्न जिलों में विधि विरुद्ध प्रदर्शन, आगजनी, तोड़फोड़ व पुलिस पर फायरिंग की घटनाओं में 124 एफआइआर दर्ज की गई हैं। पुलिस ने 705 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सैकड़ों आरोपितों को नामजद करते हुए हजारों अज्ञात के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं। वीडियो फुटेज के जरिए उपद्रवियों को चिह्न्ति कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। पुलिस ने 4500 से अधिक लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई भी की है।


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सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले 102 गिरफ्तार


सोशल मीडिया पर 14101 पोस्टों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कुल 63 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं और 102 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। 442 आरोपितों को पाबंद कराया गया है। उपद्रव के दौरान अब तक 263 पुलिसकर्मी घायल हैं, जिनमें 57 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है। जिन-जिन स्थानों पर ¨हसा व उपद्रव हुआ, वहां से पुलिस ने गैर प्रतिबंधित बोर के 405 खोखे व कई तमंचे भी बरामद किए हैं।


सीएए के समर्थन में 1100 बुद्धिजीवी और शिक्षाविद


नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में एक तरफ जहां विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं देश के करीब 1100 शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों और शोधार्थियों ने सरकार के फैसले का समर्थन किया है। सभी ने सामूहिक बयान जारी कर कानून के खिलाफ ¨हसा करने वालों पर नाखुशी भी जताई