कल्याणी की सफाई से समृद्ध होगी खेती

 निंदूरा (बाराबंकी) : कल्याणी नदी की सफाई से तटवर्ती गांवों की खेती भी समृद्ध होगी। किसानों की आय बढ़ाने की सरकार मंशा भी फलीभूत होगी।


कल्याणी नदी के किनारे निंदूरा व फतेहपुर ब्लॉक के करीब 50 गांव हैं। इन गांवों में नदी साल भर सूखी रहती है। बरसात के मौसम में जब बाढ़ आती है तब यहां कोई भी फसल नहीं हो पाती। यह बात अलग है कि रबी की फसल के समय नदी की जमीन में भी लोग खेती करते हैं लेकिन जब नदी की सफाई हो जाएगी तो खेतों का उनका आकार मिल जाएगा। नदी में सिल्ट कम मिट्टी ज्यादा है। इसलिए जब मिट्टी निकालकर नदी का तटबंध बन जाएगा तब खेतों के किनारे किसान पेड़-पौधे भी लगा सकेंगे।


निंदूरा ब्लॉक के खुज्जी के किसान राम किशोर का कहना है कि नदी की खोदाई होने से नदी की जमीन की कीमतें भी बढ़ जाएंगी। रबी के साथ ही खरीफ, रबी व जायद की फसलें भी तैयार होंगी। मसौली ब्लॉक में कल्याणी नदी के किनारे स्थित ग्राम नेवादा के निवासी अर¨वद कुमार, ओमकार यादव , जयपाल, लवकुश व जसवंत आदि का कहना है कि नदी की खोदाई से खेत का दायरा भी स्पष्ट हो जाएगा। खरीफ में अधिक बारिश होने पर बाढ़ की स्थित हो जाती क्योंकि सफाई न होने से पानी निकल नहीं पाता। नेवादा व झलिया दतौली के मध्य कल्याणी नदी करीब दो किलोमीटर तक पट चुकी है।


इसके बगल स्थित नाले से पानी निकलता है। नदी की खोदाई हो जाने से पानी का भंडार भी बना रहेगा। इससे सिंचाई भी की जा सकेगी।



निंदूरा क्षेत्र के अटहरा के निकट कल्याणी नदी में लहलहाती सरसों की फसल ' जागरण


तटवर्ती गांवों में अभी नहीं हो पाती खरीफ की फसलें, नदी की खोदाई होने से नदी की जमीन की कीमतें भी बढ़ जाएंगी


मछली पालन को मिलेगा बढ़ावा


कल्याणी नदी पट जाने से उसमें पानी की समस्या बनी रहती है। इसलिए मछलियां भी नहीं रह गईं। कल्याणी के घाटों के पुराने कुंड साफ हो जाएंगे तो उनमें मछली पालन भी होगा।