उन्नाव कांड: मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़ा था परिवार, आश्वासन पर माने
टीम, उन्नाव : उन्नाव दुष्कर्म कांड की पीड़िता का शव रविवार को दफन कर दिया गया। इससे पहले परिवार ने कुछ शर्ते रखीं और अंतिम संस्कार से मुकर गया। शर्त थी कि मुख्यमंत्री के आने व परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने पर ही अंतिम संस्कार होगा। कमिश्नर लखनऊ व आइजी रेंज वार्ता के लिए गांव पहुंचे। सरकार के प्रतिनिधि के तौर मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ मंत्री कमलरानी वरुण पहुंचीं। अंतत: दो पीएम आवास, एक सदस्य को सरकारी नौकरी और शस्त्र लाइसेंस का भरोसा देने पर परिवार तैयार हुआ। युवती का शव खेत में ही बाबा-दादी की समाधि के पास दफनाया गया।
अधिकारी सुबह अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे तो परिवार सीएम को बुलाने व एक सदस्य को नौकरी देने की शर्त रखकर दफनाने से मना कर दिया। जानकारी पाकर डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय और एसपी विक्रांत वीर के बाद कमिश्नर मुकेश मेश्रम और आइजी लखनऊ रेंज एसके भगत पहुंच गए। कमिश्नर ने पीड़िता के पिता की बात अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी से कराई। तब परिवार तैयार हुआ। हालांकि, परिवार इस पर अड़ गया कि मांगें माने जाने की बात कमिश्नर लिखित में दें। कमिश्नर ने लिखित में दिया कि पिता-भाई को अलग अलग पीएम आवास, भाई को सरकारी नौकरी के साथ शस्त्र लाइसेंस भी मिलेगा। साढ़े 12 बजे के बाद श्रम व सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी वरुण की मौजूदगी में पीड़िता को दफनाया गया।
रातभर पीड़िता के घर के आगे डटे रहे सपा नेता : प्रियंका वाड्रा के पीड़िता के गांव पहुंचने के बाद सपा नेता व कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गए। सपा नेता, विधायक और एमएलसी शनिवार की पूरी रात ठंड में पीड़िता के घर के सामने तख्त डालकर बैठे रहे। हर गतिविधि की जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को देते रहे। रविवार को सबसे पहले शव को श्रद्धांजलि दी। सपा नेता शव दफन होने के बाद दोपहर करीब 3.15 बजे लौट गए। एमएलसी सुनील यादव 'साजन' ने स्वामी प्रसाद पर पलटवार किया कि हम यहां पर राजनीति करने नहीं आए थे। यदि सपा और मीडिया यह मुद्दा प्रमुखता से नहीं उठाती तो सरकार मामला दबा जाती। हम सिविल अस्पताल में पीड़िता के स्वजन से मिलने गए थे, लेकिन मिलने नहीं दिया गया। आरोपितों को जिस तरह से पुलिस से छूट मिली, उससे साफ है कि उन्हें किसी का राजनीतिक संरक्षण मिला था।
उन्नाव में रविवार को दुष्कर्म पीड़िता का शव दफनाते परिजन ' जागरण
सुरक्षा घेरे में रहेगा दुष्कर्म पीड़िता का परिवार
दुष्कर्म पीड़िता का परिवार हर समय सुरक्षा के घेरे में रहेगा। परिवार के साथ आने जाने में उनके साथ गार्ड साथ होंगे। घर के बाहर भी पुलिस टीम होगी। जवानों की ड्यूटी आठ-आठ घंटे में बदलेगी। एसपी ने सुरक्षा घेरा अगले आदेश तक बनाए रखने को कहा है।
मोबाइल खोलेगा कई राज
मौके से फोरेंसिक टीम को मिला दुष्कर्म पीड़िता का अधजला मोबाइल घटना के कई राज खोलेगा। इसमें आरोपितों के साथ-साथ अन्य लोगों से हुई बातचीत भी सामने आएगी। इससे पुलिस को जांच में आसानी होगी। सोशल मीडिया पर भी सक्रिय होने की बात सामने आने से उसके वाट्सएप व फेसबुक को भी खंगाला जाएगा। इससे पीड़िता और आरोपितों के अलावा अन्य लोगों की भूमिका भी साफ होगी।
बहनें बोलीं, लखनऊ में सही इलाज न मिलने से बिगड़ी हालत
मागें माने जाने के बाद भी पीड़िता की बहनें सरकार पर हमलावर हैं। बड़ी बहन ने आरोप लगाया कि लखनऊ में पीड़िता को सही इलाज नहीं मिला। इससे हालत बिगड़ती चली गई और उसकी मौत हो गई। छोटी बहन ने कहा कि एक सप्ताह में मांगें पूरी नहीं होने पर परिवार विधानसभा भवन के बाहर धरने पर बैठ जाएगा।