शौचालयों का निर्माण अधूरा खुले में शौच जा रहे लोग

अधूरे शौचालय पूर्ण कराने में ब्लॉक प्रशासन नहीं दिखा रहा दिलचस्पी


त्रिवेदीगंज (बाराबंकी) : ओडीएफ घोषित ग्राम पंचायत कबूलपुर में निर्माण शुरू होने के आठ माह बाद भी शौचालय अधूरे होने के चलते बड़ी संख्या में ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 99 शौचालय बनने थे, परंतु पूरे नहीं बन सके हैं। जबकि छूटे लाभार्थियों के तहत 160 शौचालय बनने थे।


स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बना अयोध्या प्रसाद का शौचालय निर्माण पूर्ण होने के छह माह बाद भी अधूरा है। आज तक न तो छत डाली गई न ही सीट रखी गई है। सियाराम के शौचालय में छत नहीं है, जबकि शिव बहादुर के शौचालय में मानक विपरीत एक ही गड्ढा बनाया गया है। इसके अलावा संतलाल, आनंद, रोहित, ननकऊ आदि के शौचालय भी अधूरे पड़े हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गुणवत्ता विहीन सामग्री से शौचालय निर्माण कराया गया है। जिसके चलते शौचालय इस्तेमाल करने लायक नहीं हैं। आरोप है कि सारा पैसा निकाल लेने के लिए बाद भी शौचालय पूर्ण नहीं कराए गए। एडीओ पंचायत प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी।


कागज में ओडीएफ, लेकिन गड्ढे तक नहीं खोदे : करीब छह महीना पहले विशुनपुर के पथरकट टोला निवासी आशा के घर पर जब स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बना तो वह काफी खुश थी। उसे लगा था कि अब उसे और बेटियों को खुले में शौच नहीं जाना पड़ेगा। परंतु शौचालय का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो सका है। यह तो महज बानगी हैं। इनके अलावा भी कई शौचालयों की दीवारें तो खड़ी हो गई थीं लेकिन गड्ढे खोदे गए और न ही इनमें सीटें ही लगाई गई हैं। इस कारण लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं।


फतेहपुर ब्लॉक की पंचायत विशुनपुर कागजों पर ओडीएफ है। यहां शत प्रतिशत घरों में शौचालय होने का दावा विभाग कर रहा है। वहीं जमीनी हकीकत इससे अलग है। पथरकट टोला की राजकुमारी कहती हैं कि शौचालय होने के बावजूद हम लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है। छाया, रामबहादुर के भी शौचालय अभी पूर्ण नही हुए हैं। ग्राम पंचायत अधिकारी कमलेश कुमार ने कहा कि उनकी नई तैनाती हुई है। जो शौचालय अधूरे हैं उन्हें तत्काल पूरा कराया जाएगा।