बाढ़ से बचाने के लिए तटबंध बनेंगे कटर

बाराबंकी। सरयू नदी की बाढ़ से प्रति वर्ष बेघर होने वाले तराई के करीब एक लाख लोगों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है। टेपरा और इटहुआ पूरब गांव के निकट तटबंध पर कटर बनाने के लिए शासन ने 12 करोड़ 45 लाख रुपये मंजूर किए है। फरवरी माह से दोनों स्थानों पर काम शुरू होने की संभावना है। इससे क्षेत्र के 50 गांवों की एक लाख की आबादी को राहत मिलेगी।
 

सरयू (घाघरा) नदी की बाढ़ प्रति वर्ष जिले के तराई के दर्जनों गांवों में तबाही मचाती है। हजारों लोग बेघर होते हैं। बाढ़ की चपेट में आने से इस वर्ष टेपरा गांव का अस्तित्व ही खत्म हो गया। इटहुआ पूरब गांव भी चपेट में आ गया। तत्कालीन सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने क्षेत्रीय विधायक सतीश शर्मा के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया था। विधायक ने टेपरा और इटहुआ पूरब के पास तटबंध पर कटर बनाने का प्रस्ताव रखा था। बाढ़ खंड ने जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद कटर का एस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा था। शासन ने उसे मंजूर करते हुए करीब 12 करोड़ 45 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत कर दी है। इस धनराशि से दोनों गांवों के पास बने तटबंध पर आठ-आठ सौ मीटर तक बोल्डरों से कटर बनाए जाएंगे। इनके बनने से कटान का खतरा समाप्त हो जाएगा। बाढ़ की विभीषिका से भी तराई के लोगों को निजात मिल जाएगी।