ग्राम बजगहनी क्षेत्र के ग्राम  एैम्बा में चल रही पांच दिवसीय श्री राम कथा

ग्राम बजगहनी क्षेत्र के ग्राम  एैम्बा में चल रही पांच दिवसीय श्री राम कथा में कथा व्यास श्री  चंद्रशेखर यादव गुरू जी ने कथा के अंतिम दिन मे कहा की भगवान शिव ने माता पार्वती को कथा सुनाई थी| कथा सुनना भी सब के भाग्य में नहीं होता है | जब भगवान भोलेनाथ से माता पार्वती ने  अमर कथा सुनने की प्रार्थना की तो बाबा भोलेनाथ ने कहा कि जाओ पहले यह देख कर आओ कि कैलाश पर तुम्हारे या मेरे शिवा और कोई तो नहीं है  क्योंकि यह कथा सबके नसीब में नहीं है माता ने पूरा कैलाश धाम देख आई पर शुक के अंडों पर उनकी नजर नहीं पड़ी| भगवान शंकर जी ने पार्वती जी को अमर कथा सुनाई वह भागवत कथा ही थी लेकिन मध्य में पार्वती जी को निंद्रा आ गई और वह कथा शुक् ने पूरी सुन ली यह भी पूर्व जन्मों के पाप का प्रभाव होता है कि कथा बीच में छूट जाती है। भगवान की कथा मन से नहीं सुनने के कारण ही जीवन में पूरी तरह से धार्मिकता नहीं आ पाती है ।जीवन में श्याम नहीं तो आराम नहीं भगवान को अपना परिवार मानकर उनकी लीलाओं में रहना चाहिए |गोविंद के गीत गाए बिना शांति नहीं मिलेगी धर्म संत मां बाप और गुरु की सेवा करो जितना भजन करोगे उतनी शांति मिलेगी।शुक जी की कथा सुनाते हुए  श्री यादव ने बताया कि  शुक द्वारा चुपके से अमर कथा सुन लेने के कारण जब शंकर जी ने उन्हें मारने के लिए दौड़ाया तो वह एक ब्राह्मणी के गर्भ में छुप गए कई वर्षों बाद व्यास जी के निवेदन पर भगवान शंकर जी इस पत्र को ज्ञानवान होने का वरदान देकर चले गए व्यास जी ने जब शुक को बाहर आने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि जब तक मुझे माया से सदा मुक्त होने का आश्वासन नहीं मिलेगा मैं नहीं आऊंगा तब भगवान नारायण को स्वयं आकर यह कहना पड़ा कि शुक आप आओ आप मेरी माया कभी नहीं मिलेगी उन्हें आश्वासन मिला तभी वह बाहर आए यानी कि माया का बंधन उनको नहीं चाहिए था| पर आज की मानो तो केवल माया का बंधन ही चारों और बंधा फिरता है और बार-बार माया के चक्कर में इस धरती पर अलग-अलग योनियों में जन्म लेता है तो जब आपके पास भागवत कथा जैसा सरल माध्यम दिया है वह आपको इस जन्म मरण के चक्कर से मुक्त कर देगा और नारायण के धाम से सदा के लिए आपको स्थान मिलेगा । इसके अलावा कथा व्यास ने राम अवतार की कथा सुनाई।इस अवसर पर सहायक वक्ता शुभम यादव, शतिश शास्त्री, यादव ,कन्हैया यादव आरगन, व लवकुश ने  चिमटा, ढोलक पर दिनेश ने संगीत के माध्यम से भागवत पंडाल को भक्ति में गुंजायमान कर दिया।   रामदयाल यादव रामाधार हनुमान रजनीश प्रवेश शिवा ने सभी ग्राम वासियों के साथ अमृतमई कथा का रसपान किया ।