कहते हैं कि भूखे को खाना खिलाना और प्यासे को पानी पिलाने से बड़ा काम कोई और नहीं होता , और इससे सभी धर्म मे एक जैसा ही बताया गया फिर चाहे वह इस्लाम हो हिंदू हो बुद्ध हो या फिर कोई अन्य धर्म हो |उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक शख्स भूख और मुफलिस को झेल रहे लोगों के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं | है लखनऊ के उमेश यादव |जब से लाकडउन का आदेश हुआ तभी से निरंतर उमेश यादव हर रोज राजधानी लखनऊ के गरीब तबका के लोगों के लिए भूखों को खाना खिलाने पहुंच जाते हैं| वह पैसे से अमीर तो नहीं लेकिन उनका दिल इतना बड़ा है कि इसे पूरी दुनिया समा जाए | भूख का कोई धर्म नहीं होता है भूख की कोई जात नहीं होती भूखे पेट को चाहिए केवल भोजन | उमेश कुमार यादव ने यह मुहिम छोड़ी है कि वह किसी को भी भूखा सोने नहीं देंगे| शुरुआत में तो वह अपने घर से खुद ही खाना बनाकर गरीबों को खिलाते थे | उनके इस नेक काम को देखते हुए अब दूसरे लोगों का सहारा भी मिल रहा है |उमेश यादव हर रोज लगभग 150 से ज्यादा लोगों का पेट भरते हैं| टेढ़ी पुलिया जानकीपुरम विकासनगर खुर्रम नगर बहादुरपुर पॉलिटेक्निक इसके अलावा जनपद लखनऊ के कई अन्य क्षेत्रों में भी जाकर लोगों को भोजन वितरित करते हैं जहां एक तरफ जनता कर्फ्यू ( लाकडउन) के नियमों का पालन करते हुए प्रशासन से मिली पोस्टर से जागरूक भी किया जा रहा |उन्होंने लोगों से लाक डाउन का पालन करने का आवाहन किया |उनके जिगर में मजदूरों की खिदमत का अटूट भाव है जो उन्हें हर दिन सैकड़ों लोगों को भरपेट खाना खिलाने की हिम्मत देता है| राघवेंद्र सिंह यादव (बब्लू) प्रधान . पुष्पेंद्र सिंह .हेमंत कुमार मिश्र .उपेंद्र यादव. बलवीर सिंह यादव सहित पुलिस की टीम भी उपस्थित रही
लाकडउन का आदेश हुआ तभी से निरंतर उमेश यादव हर रोज राजधानी लखनऊ के गरीब तबका के लोगों को दे रहे भोजन