नहीं हो रही जानवरों की देखरेख तड़प तड़प कर मर रहे हैं जगह-जगह

जानवरों की यह दुर्दशा देखकर इंसानियत एकदम शर्मसार हो जा रही एक तरफ प्रशासन द्वारा बताया जा रहा है के लिए बहुत सारे इंतजाम किए गए हैं जिसमें वो रह सके गौशाला बनाए गए हैं। अलग-अलग डॉक्टर टीम रखी गई हैं लेकिन देखा जाए तो ऐसा कुछ भी नहीं दिखाई देता है। क्योंकि आप जिधर भी जाएंगे कहीं ना कहीं जानवर आपको इससे भी बुरी दशा में दिखाई देंगे  कोई जानवर मरता दिखाई देगा तो किसी का पांव कट गया है। किसी के पूरे पांव से शरीर में कीड़े पड़ गए हैं और कोई तड़प तड़प के मर रहा है।
 यह सभी स्थितियां हैं अगर देखा जाए तो अगर हम किसान ध्यान नहीं देंगे तो सरकार पूरा ध्यान नहीं दे सकती क्योंकि यह सारी कमी कुछ ही लोगों की है।और दिक्कत का सामना सब को करना पड़ता है सबसे ज्यादा दिक्कत तो वह बेजुबान जानवरों को होती है जो यह जानवर अपना पेट भरने के लिए और जिंदा रहने के लिए कुछ खाना तो चाहिए ही इसी की तलाश में यह बेचारे जानवर भटकते हुए जो अपने पेट की खुराक भरने के लिए खेत में पहुंच जाते हैं खेत की रखवाली कर रहे हैं किसान  अपने खेत की फसल बचाने के लिए अपने खेतों में  कटीले तार  खेत के चारों तरफ बांध देते हैं  जिससे की फसल की बचत हो सके  और यह बेजुबान जानवर अपना पेट भरने के लिए  यह जानवर किसानों के खेत में चले जाते हैं  भरपेट खाना ना मिलने की वजह से यह अपनी भूख मिटाने के लिए उसमें घुस जाते हैं जहां यह तारों से कट जाते हैं और फिर उनको कोई देखरेख या इनकी कोई इलाज नहीं की जाती है और अंत में यह इतने ज्यादा इनके शरीर में कीड़े पड़ जाते हैं कि बेचारे कई महीनों तक करते  तड़फते रहते हैं फिर अंत में इनके जान चली जाती है यही स्थिति है उत्तर प्रदेश में जो कि कोई नहीं देख रहा है कोई सख्त कानून नहीं है कोई जानवरों के रहने के लिए अच्छी व्यवस्था नहीं है जो जानवर छोड़े गए हैं उनकी कोई संख्या नहीं है उनकी कोई गिनती नहीं है इस तरह से आज भी यह जानवर जगह-जगह तड़प तड़प के मर रहे हैं