अभियुक्तगण से पूछताछ व भौतिक/डिजिटल साक्ष्य से प्रकाश

 अभियुक्तगण से पूछताछ व भौतिक/डिजिटल साक्ष्य से प्रकाश में आया कि अभियुक्त विमल व संजय 05वीं पास है और सुधीर ने पढ़ाई नहीं की है । यह तीनों मिलकर महाराष्ट्र के जलाना जनपद में स्थित एक फैक्ट्री में काम करते थे और लगभग 12-14 हजार रूपये प्रतिमाह कमाते थे, जिससे अपने दुर्व्यसनों पर खर्च करते थे । नवम्बर 2019 में तीनों अभियुक्तगण महाराष्ट्र से अपने घर आये और फिर लॉकडाउन व कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण महाराष्ट्र नहीं गये । इस तरह इनके महंगे शौक और फिजूल खर्ची को पूरा करने के लिए इनके पास रूपये नहीं रह गये तो इनके द्वारा एक षडयन्त्र रचा गया । अभियुक्त सुधीर ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपने चचेरे 06 वर्षीय भाई का अपहरण कर फिरौती की मांग करने की योजना बनायी । इसी योजना के तहत अभियुक्तगण इसरौली थाना फतेहपुर में अपने जानने वाले अभियुक्त राहुल वर्मा की एक मोबाइल शॉप पर गये और बिना पहचान पत्र के सिम की मांग की गयी तो राहुल वर्मा ने इसका कारण पूछा जिस पर अभियुक्तगण द्वारा अपनी योजना के बारें में राहुल को बताया गया और घटना से मिलने वाले पैसे को उसे भी देने का वायदा किया गया जिस पर राहुल वर्मा द्वारा यह कहते हुए एक सिम दिया कि इस सिम को आप पुराने मोबाइल जो प्रयोग नही करते हो उसमें डालकर बात करना तो पकड़े नहीं जाओगे । राहुल वर्मा द्वारा उपलब्ध कराया गया सिम ग्राम बसारा निवासी मो0 वैश के नाम से पूर्व में एक्टीवेट करके रखा गया था जो बिना बताये मोबाइल बनवाने के नाम पर फोटो व आधार कार्ड लिया गया था । योजनानुसार अभियुक्त विमल व सुधीर बच्चे के पास गये और मोटर साइकिल पर उठाकर मित्तई थाना देवा क्षेत्रान्तर्गत लेकर चले आये । बच्चा अपने चचरे भाई सुधीर को पहचानने के कारण बिना रोये मोटर साइकिल पर बैठा रहा । अभियुक्त विमल द्वारा इसरौली से लिए गये सिम को अपने पुराने टूटे मोबाइल में लगा कर 03 लाख की फिरौती की रकम के लिए बच्चे के पिता/वादी को फोन किया । इधर गांव लिलौली में अभियुक्त संजय जिसकी गांव में परचून की दुकान है, सारी गतिविधियों एवं पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाहियों के सम्बन्ध में अभियुक्त विमल व सुधीर को अवगत कराया जा रहा था । पुलिस की सक्रियता को देखते हुए अभियुक्त विमल व सुधीर ने रात के अंधेरे में अपहृत बच्चे को लाकर गांव के बाहर छोड़ दिया और वहां से चले गये ।