असंगठित मजदूरों के मुद्दे पर राज्य स्तरीय परिचर्चा

 दिनांक 18 नवंबर। सहभागी शिक्षण ट्रस्ट लखनऊ में इंडो ग्लोबल सोशल सर्विस सोसायटी यूपी सिटीजन रिलायंस के संयुक्त तत्वाधान में बीओसीडब्ल्यू फेडरेशन के सहयोग से मजदूरों की समस्याओं एवं समाधान पर राज्य स्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा का शुभारंभ स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ नीलम वर्मा द्वारा सामूहिक रूप से" हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए" गीत के माध्यम से किया गया। सिटी कोऑर्डिनेटर पवन कुमार ने कारोबार शसुगमता रैंकिंग के माध्यम से श्रम कानूनों के संशोधन की पृष्ठभूमि को बताया।


पैनल चर्चा में सेवानिवृत्त एसडीएम राजाराम यादव ने श्रमिकों हेतु कानूनी प्रावधान अजय जी द्वारा बीड़ी सिगार कामगारों की स्थिति वाराणसी जनपद समन्वयक कंचन गुप्ता ने बुनकरों की स्थिति सिनेमा आर्टिस्ट निहारिका पंछी पटेल ने सिनेमा कामगारों और नाजिम अंसारी द्वारा ट्रांसजेंडर असंगठित क्षेत्र के कामगारों की श्रम कानूनों कि पहुंच की वास्तविक स्थिति को रखा गया।

इसी क्रम में केंद्रीय व राज्य श्रम कानूनों की वर्तमान स्थिति पर डॉक्टर नीलम वर्मा ने बताया की वर्तमान में चार केंद्रीय श्रम सघिताएं लागू नहीं हो पा रही है इस कारण श्रमिकों व आम जनमानस में इसके श्रम विरोधी होने का संदेश जा रहा है तथा तीन श्रम संहिताओं पर अभी केंद्र सरकार ने नीति व नियमावली ही नहीं बना पाई है।

कार्यक्रम में श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों व श्रमिकों ने श्रमिक वर्ग की समस्याओं एवं श्रम कानूनों पर श्रमिकों के समाज से जुड़ी चुनौतियों को सामने रखा। कार्यक्रम में 15 जनपदों से 22 नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों में बेघरों, ट्रांसजेंडर ,निर्माण श्रमिक ,कचरा बीनने वाले मलिन बस्ती रैन बसेरों तथा असंगठित क्षेत्र के कामगारों की चिंताओं से जिम्मेदारों को अवगत कराने को संबोधित करने हेतु संयुक्त रणनीति बनाई कार्यक्रम को सफल बनाने में गुरुप्रसाद अवधेश ,शमीम बानो, तथा सीतापुर से आई घरेलू कामगारों का सराहनीय सहयोग रहा