Lucknow: वन विभाग की सह में लकड़ी माफिया कर रहे लकड़ी का अवैध कारोबार

 
जनपद लखनऊ से

जनपद लखनऊ के  थाना  क्षेत्र  महिंगवा  क्षेत्र  के गांव गोधना के पास बाबागंज से कुंभरावां रोड पर जनता धरम  कांटे  के  पीछे  बगीचे  में  प्रतिबंधित लकड़ी का कारोबार जोरों पर है। आज से पूर्व कई दिन पहले इसी के संबंध में  खबर  भी  लिखी  गई थी जिससे वन अधिकारियों  ने  किसी  भी  प्रकार का कोई एक्शन  नहीं  लिया  है।  लड़की  माफिया दिन हो या रात हो हरे भरे वृक्षों पर  आरा  चलवाते हैं  लकड़ी  माफिया  अपने   फड़   पर   प्रतिबंधित लकड़ी खरीदते व  कटवाते  हैं  इन  लोगों  पर  वन विभाग पूरी तरह से मेहरबान है। प्रतिबंधित  श्रेणी के  वृक्षों में आम, नीम, शीशम, पीपल,  बरगद  के पेड़ शामिल हैं। अपवाद को छोड़कर इनके हरे वृक्ष काटे जाने पर पाबंदी है। उस प्रतिबंधित  श्रेणी  के वृक्षों में शीशम, कटहल  सहित  21  तरह  के  पेड़ शामिल हैं। तीसरी श्रेणी  के  वृक्षों  को  काटने  पर छूट है। इनमें बबूल, यूकेलिप्टस, पापुलर, के  पेड़ों की गिनती है। परंतु प्रत्येक काटे गये वृक्ष के स्थान पर वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 में  उल्लेखनीय है प्रावधानों के  अनुसार दो  वृक्षों को रोपित करने व उनकी देखरेख के लिये वृक्ष काटने की अनुमति लेने वाला व्यक्ति ही बाध्य होगा।
 लकड़ी व अन्य वन उपज  नियमावली  1978  के प्रावधानों के अंतर्गत सक्षम  अधिकारी से अनुमति प्राप्त  करना  अनिवार्य  है।  नियमों  का   उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की व्यवस्था है लेकिन  जनपद  बदायूं  क्षेत्र में  इन  नियमों  का पालन नहीं हो रहा है। अब देखना यह है  कि  क्या कार्यवाही की जाती है

रिपोर्टर आशीष कुमार